Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपी शराब कारोबारी विजय भाटिया को सोमवार (2 जून) को ईओडब्ल्यू-एसीबी की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के दौरान ईओडब्ल्यू ने विजय भाटिया की 7 दिन की रिमांड की मांग की. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में एसीबी ईओडब्ल्यू की टीम ने शराब कारोबारी विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. भाटिया को रविवार को दिल्ली से रायपुर लाया गया. सोमवार को एसीबी ईओडब्ल्यू की स्पेशल कोर्ट में पेश किया है. इसके साथ ही रविवार को एसीबी ईओडब्ल्यू की टीम ने भाटिया के दुर्ग और भिलाई में कई ठिकानों पर छापे मारे थे.
जानकारी के मुताबिक ईओडब्ल्यू के अधिकारी सुबह 6 बजे भिलाई नेहरू नगर स्थित भाटिया के घर पहुँचे. सब्सके पहले अधिकारियों ने घर के चारो तरफ छानबीन की. इसके बाद घर के एक एल सदस्य से पूछताछ की गई. इस दौरान ईओडब्ल्यू को शराब घोटाले से जुड़े कई अहम सबूत मिलने की खबर भी है.
2 साल से फरार था विजय भाटिया
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले में शराब कारोबारी विजय भाटिया का नाम आने के बाद 2 साल पहले दुर्ग स्थित भाटिया के निवास पर ईडी ने छापा मारा था. तभी से विजय भाटिया फरार चल रहा था. एसीबी ईओडब्ल्यू की टीमें लगातार भाटिया की तलाश में जुटी हुईं थी. तभी अचानक ईओडब्ल्यू को भाटिया के दिल्ली में होने का सुराग मिला. जिसके बाद एसीबी ईओडब्ल्यू की टीम ने रविवार सुबह दिल्ली से विजय भाटिया को गिरफ्तार कर लिया और उसे रायपुर लाया गया.
रविवार को हुई थी रिमांड कोर्ट पेशी
शराब कारोबारी विजय भाटिया को ईओडब्ल्यू एसीबी की टीम दिल्ली से गिरफ्तार कर रायपुर लाइन लेकिन रविवार को अवकाश होने के चलते उसे रिमांड कोर्ट में पेश किया . सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे एक दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया था.
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच ईडी कर रही है. ईडी ने उसको लेकर एसीबी में केस दर्ज किया है. एड की जांच में सामने आया की छत्तीसगढ़ में तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के दौरान आबकारी मंत्री कवासी लखमा, IAS अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी, कारोबारी अनिल ढेबर और अरविंद सिंह ने मिलकर एक सिंडिकेट तैयार किया.
जिसके जरिए छत्तीसगढ़ आबकारी नीति में कुछ चुनिंदा शराब कारोबारी को फायदा पहुंचाने की नीयत से बदलाव किए गए. इसके साथ ही शराब की बोतलों में नकली होलोग्राम लगाकर भी करोड़ों की चपत आबकारी विभाग को लगाई गई. जिसके कमीशन के तौर पर भी सिंडिकेट में करोड रुपए कमाए. इस मामले में तत्कालीन आपकारी मंत्री कवासी लखमा, तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा, कारोबारी अनिल ढेबर और अरविंद सिंह समेत कई अधिकारी जेल में है.