यूपी में अवैध धर्मांतरण के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे हो रहे हैं. यूपी एसटीएफ की जांच में छांगुर के चार मददगार अफसर के बारे में पता चला है. सूत्रों के मुताबिक छांगुर को लेकर की गई जांच में ये नाम सामने आए हैं. इन में वो अधिकारी है जो 2019 से 2024 के बीच बलरामपुर में तैनात रहे. इनमें एडीएम, दो सीओ और एक इंस्पेक्टर का नाम भी सामने आया है.
सूत्रों के मुताबिक छांगुर की मदद करने वाले इन चारों अफसरों को चिन्हित कर लिया गया है. इनमें से कुछ ऐसे अधिकारी थे जो छांगुर के एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार रहते थे. छांगुर ने यूपी एटीएस की रिमांड में इन अफसरों के बारे में बताया है. जांच एजेंसियां अब इन अफसरों के नामों की तस्दीक कर रही है कि क्या वाकई इन्होंने छांगुर की मदद की थी या फिर वो सिर्फ फंसाने के लिए इन अफसरों का नाम ले रहा है.
छांगुर के मददगार बने थे चार अफसरइस मामले में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अफसरों की भूमिका को लेकर पुख्ता सबूत जुटाए जा रहे हैं. जिसके बाद इन अधिकारियों को से पूछताछ हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक छांगुर ने 2023 में तहसीलदार की मदद से एक जमीन को नीतू के नाम चढ़वाया था. बाद में ये ज़मीन तालाब की पाई गई. वहीं एक इंस्पेक्टर का नाम भी पता चला है जो हमेशा छांगुर के संपर्क में रहता था और उसके कहने पर विरोधियों पर ही कार्रवाई कर देता था.
छांगुर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन की सात दिन की कस्टडी भी आज खत्म हो रही है. रिमांड के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं अब उन्हें भी जांच में शामिल कर लिया है. इन तथ्यों से जुड़े पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद कार्रवाई के दायरे को और बढ़ाया जाएगा. माना जा रहा है कि एटीएम रिमांड की अवधि बढ़ाए जाने की अपील कर सकती है.
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छांगुर के मददगार 4 अफसर, ADM, दो CO, एक इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध, एक इशारे पर रहते थे तैयार
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