उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण की जांच अब और गहराने लगी है. अलीगढ़ जिले में खुफिया एजेंसियों की सक्रियता बढ़ गई है. जांच में विदेश से हो रही फंडिंग के तार विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक से जुड़े होने की बात सामने आई है. साथ ही सिमी और पीएफआई जैसे कट्टरपंथी संगठनों के कनेक्शन भी सामने आए हैं.
जानकारी मिली है कि जाकिर नाईक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में कभी यूनिवर्सिटी कोर्ट का सदस्य रहा है और वह एक बार अलीगढ़ भी आया था. इसके चलते खुफिया एजेंसियां एएमयू और उससे जुड़े पुराने दस्तावेज खंगाल रही हैं.
उधर, स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की स्थापना भी करीब 48 साल पहले अलीगढ़ में ही हुई थी. हालांकि इस पर प्रतिबंध लगने के बाद इसका स्थानीय कार्यालय सील कर दिया गया था.
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इतना ही नहीं, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की अलीगढ़ शाखा से जुड़े संगठन एसडीपीएफआई (SDPFI) के प्रदेशाध्यक्ष निजामुद्दीन को भी पहले अलीगढ़ से गिरफ्तार किया जा चुका है. इससे साफ है कि अलीगढ़ अब इस पूरे धर्मांतरण नेटवर्क के एक अहम केंद्र के रूप में उभर रहा है.
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