छात्रों में बैंच पर बैठने को लेकर था विवाद:माता-पिता उलहाना लेकर पहुंचे थे, एक साल बाद सहपाठी को गोलियां मारकर बदला लिया

by Carbonmedia
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हरियाणा के हिसार में सातरोड खुर्द के रेलवे स्टेशन के सामने वीरवार को हांसी के रहने वाले 14 साल के किशोर ने मस्तनाथ कालोनी निवासी 14 साल के दीक्षित की अपने दादा की लाईसेंस डोगा बंदूक से गोलियां मार कर हत्या कर दी थी। आज किशोर का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। पुलिस ने आरोपी छात्र व उसके माता-पिता पर 103(1), 3(5), 61(2) व शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है। अब हत्या की वजह सामने आई है कि एक साल पहले स्कूल में डेस्क पर बैठने को लेकर दोनों के बीच हुआ विवाद हुआ था। उसी वक्त एक ने दूसरे को सबक सिखाने की ठानी। किशोर का इरादा उस समय और पक्का हो गया जब दोस्त दीक्षित के माता-पिता उसके घर उलाहना लेकर आए। मन ही मन उसने बदला लेने की ठानी। वीरवार सुबह 5 बजे हांसी का रहने वाला 14 साल का किशोर सेना से सेवानिवृत्त अपने दादा की लाइसेंसी डोगा बंदूक लेकर बाइक पर सवार होकर गांव सातरोड खुर्द पहुंचा। हांसी से चलने से पहले उसने मस्तनाथ कालोनी में रहने वाले दोस्त दीक्षित के घर पर कई बार फोन किया। कई बार फोन आने के बाद उसकी की मां ने काल की तो पता चला कि काल करने वाला दीक्षित का दोस्त बोल रहा है। उसके बाद दीक्षित के परिजनों ने उस से मिलने के लिए मना कर दिया था। दूध लेने के लिए घर से निकला था
मूलरूप से चरखी दादरी के जिंझर गांव के रहने वाले और सेना से नायक के पद से सेवानिवृत्त प्रकाश अपने परिवार के साथ सैनिक छावनी के सामने मस्तनाथ कालोनी में रहते हैं। बेटा दीक्षित हांसी के निजी स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ता था। उसकी बेटी दीपिका ने 12वीं की परीक्षा पास की है। वीरवार को छुट्टी होने के कारण सुबह साढ़े छह बजे बेटे को दूध लेने के लिए भेजा था। वह एक्टिवा लेकर दूध लेने के लिए गया था। मेरा फोन अपने साथ लेकर गया था। सवा सात बजे बेटे ने फोन कर कहा कि उसने दूध ले लिया है वह घर आ रहा था। उसके बाद वह घर नहीं लौटा तो बार-बार उसके पास फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। सात बजकर 29 मिनट पर एक महिला ने फोन उठाया और कहा कि लड़के को गोली लगी हुई है और वह तड़प रहा है। उसके बाद मौके पर पहुंचे और बेटे को शहर के जिंदल अस्पताल में लेकर आए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि हांसी के रहने वाले एक किशोर ने बेटे की गोली मार कर हत्या की है। जानिये कैसे आरोपी ने घटना को अंजाम दिया… 1. घात लगाकर बैठा था दोस्त
आरोपी छात्र सुबह वारदात के लिए घात लगाए हुए बैठा था। उसे यकीन था कि दीक्षित घर से बाहर जरूर आएगा। उसके बाद जब दीक्षित दूध लेने के लिए एक्टिवा लेकर घर से निकला तो पहले से घात लगाए हुए किशोर ने उसे देख लिया। उसने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। दूध लेने के बाद जब दीक्षित ने घर पर फोन किया और बोला कि वह घर पर आ रहा था। उसके बाद किशोर ने दीक्षित से बातचीत की और उसे सातरोड खुर्द के रेलवे स्टेशन की तरफ झाड़ियों में कच्चे रास्ते की तरफ लेकर पहुंचा। 2. बंदूक देखकर छात्र भागा तो पीछे से गोलियां मारी दीक्षित ने कच्चे रास्ते पर एक्टिवा रोकी तो उसके पीछे ही किशोर ने अपनी बाइक रोक दी। उसके बाद वह अपने दादा की लाइसेंसी बंदूक लेकर दीक्षित की तरफ आगे बढ़ा तो बंदूक देखने के बाद दीक्षित कच्चे रास्ते पर दौड़ पड़ा। किशोर भी उसके पीछे दौड़ा और उसने फायर कर दिए। कमर में दो गोली लगने से वह जमीन पर गिर गया। उसके बाद किशोर मौके से फरार हो गया। कई देर तक दीक्षित जमीन पर पड़ा तड़पता रहा। 3. महिलाएं चींटियों को आटा डालने आई तो पता चला वारदात करीब सवा सात बजे के बाद की है। स्टेशन के सामने बनी कालोनी में रहने वाली महिला चींटियों को आटा डालने के लिए कच्चे रास्ते की तरफ आई। उस दौरान महिला ने फोन की घंटी सुनी तो वह मौके पर पहुंची तो उसने देखा कि एक किशोर जमीन पर लहूलुहान हालत में पड़ा है और उसकी जेब में रखा हुआ फोन बज रहा है। महिला ने फोन उठाया और बात की। महिला ने दीक्षित के पिता प्रकाश को बताया कि उसके बेटे को गोली लगी हुई है और वह तड़प रहा है। पता चलने पर दीक्षित की मां और पिता मौके पर पहुंचे और बेटे को अस्पताल लेकर पहुंचे उस समय तक दीक्षित की मौत हो चुकी थी। गोली मारने वाले किशोर का दादा सेना से सेवानिवृत्त
दीक्षित को दो गोली मारने वाले किशोर का दादा सेना से सेवानिवृत्त है। वे एक बैंक में गार्ड की नौकरी करते है। जिसके चलते उनके पास लाइसेंसी डोगा बंदूक है। जो रात के समय वे अक्सर अपनी बंदूक अपने पास रख कर सोते है। सुबह बंदूक किशोर ने उठा ली और वारदात को अंजाम दिया। वारदात करने वाला भी इकलौता है। वहीं मृतक दीक्षित के पिता प्रकाश सेना से नायक के पद से सेवानिवृत्त है। 2013 में हिसार कैंट में उनकी तैनाती थी। वे 2024 में सिक्किम से नायक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। अभी उन्होंने अपने घर पर निर्माणकार्य शुरू किया हुआ है और मिस्त्रियों के लिए चाय बनाने के लिए दूध लेने के लिए भेजा था।

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