लुधियाना| जिले के नए मास्टर प्लान में करीब 50 अलग-अलग लोकेशनों पर 500 एकड़ से ज्यादा की जमीन फॉरेस्ट जोन घोषित है। जंगलात विभाग ने इन फॉरेस्ट जोन को कागजों में तो हरा-भरा दिखाया, लेकिन मौके से जंगल गायब हैं। दैनिक भास्कर ने इनवेस्टीगेशन के जरिए ये सच्चाई भी सामने लाई है कि मास्टर प्लान में तो जंगल है, असल में प्लॉट-भवन बन चुके हैं और ज्यादातर जमीनों पर खेती हो रही है। इस खुलासे के बाद अब वन विभाग की नींद खुली है। जिला फॉरेस्ट अफसर राजेश गुलाटी ने बताया है कि जंगलात विभाग की जमीनों पर कब्जे हैं। विभाग की तरफ से डिप्टी कमिश्नर को लेटर जारी करते हुए जंगलात विभाग की जमीनों की डिमार्केशन करवाने के लिए मांग कर दी है। वहीं, अलग से रेवेन्यू विभाग को भी लेटर जारी की गई है।
जंगलात जमीन कब्जामुक्त कराने को डिमार्केशन करें
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