लुधियाना जिले के जगराओं की नई अनाज मंडी में संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब के आह्वान पर सोमवार को विशाल रैली आयोजित की गई। रैली में हजारों किसान, मजदूर और महिलाएं शामिल हुए। रैली में किसान-मजदूर संगठनों के साथ कैंसर फैलाने वाली गैस फैक्ट्रियों के खिलाफ समन्वय समिति के नेता भी मौजूद थे। संयुक्त किसान मोर्चा और भाईचारा संगठनों के नेताओं ने सरकार पर कई आरोप लगाए। पंजाब सरकार पर जबरदस्ती का आरोप नेताओं ने पंजाब सरकार पर पिछले कुछ महीनों से जोर-जबरदस्ती करने का आरोप लगाया। उन्होंने 5 मार्च को चंडीगढ़ जा रहे किसानों पर और 19 मार्च को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हुए लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया। नेताओं ने कुलरिया, बठोई कलां, जींद और सीड फॉर्म अबोहर में जमीनों पर जबरन कब्जे का विरोध किया। फर्जी पुलिस मुठभेड़ों का मुद्दा उन्होंने भारत माला प्रोजेक्ट के लिए जबरन जमीन अधिग्रहण का भी विरोध किया। नेताओं ने नशे के खिलाफ अभियान की आड़ में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों का मुद्दा भी उठाया। गोनियाना मंडी के युवक नरिंदर दीप सिंह की बठिंडा सीआईए स्टाफ द्वारा की गई हत्या का जिक्र किया। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि यह सब अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौते का रास्ता साफ करने की योजना है। बोले-पंजाब के लोग नहीं दबते नेताओं ने कहा कि सरकार चाहती है कि लोग डरकर संघर्ष से दूर हो जाए, लेकिन पंजाब के लोग कभी दबते नहीं। वे और जोश से मैदान में उतरते हैं। किसान संगठनों ने मुख्यमंत्री की चुनौती स्वीकार की। कहा कि वे लाइव बहस को तैयार हैं, मुख्यमंत्री समय और स्थान बताए। बांध सुरक्षा अधिनियम का विरोध किसान नेताओं ने कहा कि वे शुरू से बांध सुरक्षा अधिनियम का विरोध कर रहे हैं। पंजाब सरकार ने आज तक विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर इसे रद्द नहीं किया। जल शुद्धिकरण अधिनियम लागू कर दिया गया, जिससे उद्योगपतियों को जल प्रदूषण की छूट मिल गई। सभा में कई प्रस्ताव पास किए गए। बायोगैस फैक्ट्री बंद की मांग इनमें नरिंदर दीप सिंह की हत्या की न्यायिक जांच कर इंसाफ दिलाने, नशे के नाम पर आम लोगों की गिरफ्तारियां बंद करने, बड़े नशा तस्करों पर कार्रवाई करने, भूमि प्राप्ति संघर्ष कमेटी के गिरफ्तार नेताओं को रिहा करने, आदर्श स्कूल चौक का मसला हल करने, कुलरिया के किसानों के हक में समझौता करने, कैंसर फैला रही बायोगैस फैक्ट्रियों को बंद करने, ऑपरेशन टाइगर को करें खत्म चमकौर साहिब के पास सीमेंट फैक्ट्री लगाने का फैसला रद्द करने, लुधियाना में ग्लाड़ा द्वारा 24311 एकड़ जमीन हड़पने का फैसला वापस लेने और केंद्र सरकार द्वारा आदिवासियों/माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन टाइगर को खत्म करने की मांग शामिल रही। सभी प्रस्ताव जोरदार तालियों के साथ पास किए गए। रानी झांसी चौक में नाकाबंदी रैली के बाद किसानों ने ट्रैक्टर ट्रालियों के साथ मंडी से रोड मार्च शुरू किया। जिसको पुलिस ने रानी झांसी चौक में नाकाबंदी कर ही रोक लिया। कार्यक्रम के अंत में एसडीएम कर्णदीप सिंह को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन उससे पहले पुलिस अत्याचार की पूरी कहानी बताई गई। गांव अखाड़ा में डीएसपी रैंक अधिकारी द्वारा की गई गुंडागर्दी के खिलाफ जमकर भड़ास निकालते हुए नारेबाजी भी गई। किसानों के मार्च के कारण ट्रैफिक पूरी तरह से जाम हो गया था। रोड मार्च के दौरान पहली बार डीएसपी का नाम लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की गई।
जगराओं की मंडी में किसानों ने निकाली रैली:जबरन जमीन अधिग्रहण का विरोध, पुलिस और सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
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