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अमृतसर| जनवादी लेखक संघ द्वारा “किच सुनी आई किछु कहीं आई’ शीर्षक के तहत वरिष्ठ लेखकों के साथ साहित्यिक संवाद की श्रृंखला के मद्देनजर प्रसिद्ध पंजाबी लेखक निर्मल अर्पण से साहित्यिक संवाद किया गया। संयोजक कथाकार दीप देविंदर सिंह ने कहा कि संघ का उद्देश्य लेखकों के परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में साहित्यिक संवाद कायम करना है, ताकि संवाद और भाषण की साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ाया जा सके। निर्मल अर्पण ने मौजूदा हालातों का उल्लेख अपनी कविता के माध्यम से किया। उन्होंने कहा कि देविंदर सत्यार्थी, विनोबा भावे जैसे समाजसेवियों और प्रमुख लेखकों की संगत ने उनमें साहित्यिक चिंगारी पैदा की।