टेलीविजन और फिल्म जगत के दमदार कलाकार अनुपम श्याम ओझा ने अपनी अलग आवाज और अभिनय से लाखों दिलों पर छाप छोड़ी. जहां एक तरफ छोटे पर्दे पर उनका दबदबा था, तो वहीं फिल्मों में भी उन्होंने कई खलनायक भूमिकाओं के जरिए अपनी अलग छवि स्थापित की थी. 8 अगस्त 2021 को किडनी फेलियर के कारण निधन हो गया. 63 साल की उम्र में उनका जाना भारतीय मनोरंजन जगत के लिए एक बड़ी क्षति थी.
बचपन से जवानी तक का सफर
20 सितंबर 1957 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में जन्मे अनुपम को बचपन से ही अभिनय का शौक था. उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई प्रतापगढ़ में पूरी की और फिर अवध विश्वविद्यालय से कॉलेज की पढ़ाई की. इसके बाद वह थिएटर की पढ़ाई करने के लिए लखनऊ स्थित भारतेंदु नाट्य अकादमी पहुंचे, जहां उन्होंने 1983 से 1985 तक प्रशिक्षण लिया.
इसके बाद वह अपने अभिनय के सपने को पूरा करने के लिए दिल्ली के श्रीराम सेंटर रंगमंडल में काम करने लगे. यहां से उन्होंने थिएटर की दुनिया में अनुभव हासिल किया और फिर मुंबई में अपनी किस्मत अजमाने पहुंच गए.
फिल्मी करियर की शुरुआत
इस प्योर देसी अभिनेता ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय फिल्मों से की थी. उनकी पहली फिल्म ‘लिटिल बुद्धा’ थी, जिसके बाद उन्होंने शेखर कपूर की चर्चित फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ में भी काम किया.
हालांकि फिल्मों में उन्हें ज्यादातर खलनायक की भूमिकाएं मिलीं, लेकिन उन्होंने हर किरदार को अपने दमदार अभिनय से यादगार बना दिया. उनकी आवाज में खास तरह की ठसक थी, जो उनके किरदार को जंचती थी.
उनके करियर का टर्निंग पॉइंट
उन्होंने ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’, ‘नायक: द रियल हीरो’, ‘मुन्ना माइकल’, ‘शक्ति: द पावर’, ‘वांटेड’ और ‘हल्ला बोल’ जैसी कई फिल्मों में काम किया. लेकिन असली पहचान उन्हें 2009 में स्टार प्लस के टीवी धारावाहिक ‘मन की आवाज प्रतिज्ञा’ में ठाकुर सज्जन सिंह का किरदार निभाने से मिली.
इस सीरियल से उनका किरदार इतना लोकप्रिय हुआ कि लोग उन्हें उसी नाम से पहचानने लगे. इसके बाद उन्होंने ‘प्रतिज्ञा 2’, ‘कृष्णा चली लंदन’, ‘रिश्ते’, ‘क्योंकि…जीना इसी का नाम है’, और ‘डोली अरमानों की’ जैसे कई टीवी शो में भी काम किया.
संघर्ष भरे आखिरी के कुछ दिन
अपने आखिरी दिनों में अनुपम श्याम को शारीरिक दिक्कतों से जूझना पड़ा. वे किडनी की गंभीर बीमारी से लड़ते रहे. वे लंबे समय से डायलिसिस पर थे और उनकी सेहत लगातार खराब होती जा रही थी. फाइनेंशियल तंगी भी उनके सामने बड़ी चुनौती थी.
इस दौरान कई बड़े कलाकारों और समाजएसेवियों ने उनकी मदद की. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी व्यक्तिगत रूप से 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी, जिससे उनके इलाज में मदद मिली.
एक इंटरव्यू के दौरान अनुपम श्याम ने बताया था, “जब मेरी बीमारी के बारे में योगी आदित्यनाथ जी को पता चला, तो वे मेरी मदद के लिए आगे आए थे. वे मुझे पर्सनली जानते हैं और मेरे काम को भी पसंद करते हैं. उन्होंने मेरे इलाज के लिए अस्पताल के अकाउंट में 20 लाख रुपए जमा करवा दिए. उन्हीं पैसों से मेरा इलाज हो रहा है. इसके अलावा मेरी कुछ जमा पूंजी थी, वो भी इस बुरे दौर में काम आ गई. अभी मैं फिर से काम पर लौट आया हूं. उम्मीद कर रहा हूं कि फिर से दो पैसे जोड़ पाऊंगा.”
लेकिन 8 अगस्त 2021 को मुंबई के लाइफलाइन अस्पताल में उनका निधन हो गया. उनकी मौत से टीवी और फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई.
अनुपम श्याम की जिंदगी संघर्षों से भरी रही, लेकिन उनका संघर्ष और कामयाबी कई लोगों के लिए प्रेरणादायक रही. छोटे और बड़े पर्दे पर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई, और आज भी उनकी यादें और अभिनय लोगों के दिलों में जिंदा हैं.