जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को दो सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. आरोप है कि दोनों कर्मचारियों का आतंकवादियों से संबंध है. बर्खास्त हुए कर्मियों में कुपवाड़ा के करनाह निवासी शिक्षक खुर्शीद अहमद राथर और केरन निवासी सहायक पशुपालक सियाद अहमद खान शामिल हैं.
खुर्शीद और सियाद आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहे थे. कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को इन दोनों के खिलाफ सबूत मिले हैं.
26 जनवरी 2024 को खुर्शीद अहमद हुआ था गिरफ्तारखुर्शीद अहमद राथर को साल 2003 में स्कूल शिक्षा विभाग में रहबर-ए-तालीम (RET) के पद पर नियुक्त किया गया था. साल 2008 में उसे शिक्षक के रूप में स्थायी किया गया. वह अब तक सरकारी प्राथमिक विद्यालय मैन्डपोरा नवा गबरा कुपवाड़ा में तैनात था. साल 2024 की जनवरी में उसे गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से वह निलंबित हैं और कुपवाड़ा की जिला जेल में बंद है.
खुर्शीद अहमद OGW लिस्ट में शामिलपुलिस रिकॉर्ड में खुर्शीद अहमद को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक आतंकवादी ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) के रूप में लिस्ट किया गया था. शिक्षा विभाग में नियुक्त होने और सरकार की तरफ से सम्मानजनक सैलरी मिलने के बावजूद उसने देश के भरोसे को तोड़ा और गुप्त रूप से लश्कर से जुड़ने का फैसला किया.
जम्मू-कश्मीर के दूरदराज के जिलों के बच्चों को शिक्षा देने के अपने कर्तव्यों को पूरा करने के बजाय, वह राज्य को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से आतंकवादी गतिविधियों में एक्टिव हो गया. इसी के साथ वह लश्कर-ए-तैयबा द्वारा प्रायोजित आतंकवादी गतिविधियों का सक्रिय माध्यम बन गया.
खुर्शीद अहमद की गतिविधियां केवल निष्क्रिय या आकस्मिक नहीं थीं; बल्कि उसने एक आतंकवादी नेटवर्क के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में जानबूझकर और खतरनाक भूमिका निभाई. उसने क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश की.
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