Jaipur News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक डॉक्टर की मौत के पांच दिन बाद भी उसके परिवार वाले मॉर्च्यूरी से डेड बॉडी लेने और अंतिम संस्कार करने को कतई तैयार नहीं हैं. परिवार और इलाके के लोग पिछले पांच दिनों से जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के बाहर सड़क पर अनशन पर बैठे हुए हैं. मौत का शिकार हुए रेजिडेंट डॉक्टर ने सल्फास खाकर अपनी जान दे दी थी और अपनी मौत के लिए जोधपुर मेडिकल कॉलेज के फार्मोकोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी को जिम्मेदार बताया था.
राजस्थान के नागौर जिले के रहने वाले डॉ. राकेश विश्नोई एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज से पीजी कर रहे थे. पीजी कंप्लीट होने में सिर्फ दो महीने का वक्त बचा था. डा. राकेश विश्नोई ने 13 जून को जोधपुर में खुदकुशी करने की नीयत से ढेर सारा सल्फास खा लिया था. जोधपुर मेडिकल कॉलेज में तकरीबन 4 घंटे तक इलाज करने के बाद उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया था, जहां अगले दिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
बयान से मच गया था हड़कंपरेजिडेंट डॉक्टर राकेश बिश्नोई ने मौत से पहले पुलिस को दिए गए वीडियो बयान में यह आरोप लगाया था कि जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज के जिस फार्मोकोलॉजी डिपार्टमेंट से वह पीजी कर रहे हैं, वहां के एचओडी डॉ राजकुमार राठौर उन्हें लगातार प्रताड़ित करते हैं. टॉर्चर अब इतना ज्यादा हो गया है कि वह आगे जीना नहीं चाहते और मौत को गले लगा रहे हैं. उनके इस बयान से हड़कंप मच गया था.
परिवार वालों के अनशन का आज है पांचवा दिन डॉ राकेश बिश्नोई की मौत के बाद उनके परिवार ने आरोपी एचओडी डॉ. राजकुमार राठौर के खिलाफ जोधपुर में आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई. हालांकि परिवार के लोग उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे. परिवार वालों ने पोस्टमार्टम के बाद मोर्चरी से डेड बॉडी नहीं ली और मोर्चरी के बाहर हंगामा करते हुए अनशन पर बैठ गए. परिवार वालों के अनशन का आज पांचवा दिन है.
अनशन के तीसरे दिन नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल भी परिवार वालों से मिलने पहुंचे. परिवार वालों के साथ वह खुद भी कुछ देर अनशन पर बैठे रहे. परिवार वालों का साफ आरोप है कि एचओडी डॉ राजकुमार राठौर लगातार राकेश बिश्नोई को परेशान कर रहे थे. राकेश ने पहले भी कई बार परिवार वालों को यह बात बताई थी. परिवार के कुछ सदस्य जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज भी गए थे.
ये सुसाइड नहीं बल्कि हत्या है- परिजन परिवार वालों का कहना है कि यह खुदकुशी नहीं बल्कि साफ तौर पर हत्या का मामला है. जब तक आरोपी एचओडी की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक वह लोग ना तो डॉक्टर राकेश बिश्नोई की डेड बॉडी लेकर उसका अंतिम संस्कार करेंगे और ना ही अनशन खत्म करेंगे. हालांकि अनशन को लेकर परिवार वालों की कई बार पुलिस से नोक झोंक भी हो चुकी है. परिवार वालों ने सीएम भजनलाल शर्मा को भेजे गए पत्र में दो करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दिए जाने, पत्नी को सरकारी नौकरी दिए जाने और उत्पीड़न की ऐसी घटनाओं पर हमेशा के लिए अंकुश लगाए जाने की भी मांग की है.
जयपुर में डॉक्टर की आत्महत्या से बवाल, परिवार का अनशन जारी, HOD पर उत्पीड़न का आरोप
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