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Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार प्रदेश के किडनी पीड़ित मरीजों के साथ भी खिलवाड़ कर रही है. प्रदेश भर में किडनी के मरीजों का डायलिसिस कर रहे अस्पतालों को बार-बार गुहार लगाने के बाद भी पैसा नहीं जारी किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के 80 डायलिसिस सेंटर का 25 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. अस्पताल चलाने वाले लोग कई बार जवाबदेह लोगों से मिलकर पेमेंट करने की गुहार लगा चुके हैं. सरकार द्वारा उन्हें बार-बार कोई ना कोई तारीख भी दी गई है. इसके बाद भी उनका भुगतान नहीं हो पाया है. सरकार द्वारा भुगतान के लिए पहले 15 मई की तारीख भी दी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
’पहले भी भुगतान के अभाव में डायलिसिस होना हो चुका है बंद'
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार के इस रवैए के कारण डायलिसिस सेंटर चला रहे अस्पताल भी परेशान हैं और उन्होंने बार-बार सरकार को आगाह भी किया है कि अगर उनका भुगतान नहीं हुआ तो उन्हें डायलिसिस सेंटर बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. ऐसी परिस्थिति में किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज के लिए क्या विकल्प बचेंगे? वे लोग अपनी डायलिसिस कैसे करवाएंगे? सरकार इस तरीके से प्रदेश के लोगों को भगवान के भरोसे नहीं छोड़ सकती है. प्रदेश में पहले भी भुगतान के अभाव में डायलिसिस होना बंद हो चुका है. इसलिए मुख्यमंत्री मरीजों पर रहम करें और डायलिसिस समेत इलाज से संबंधित सभी बकाया धनराशि का भी अति शीघ्र भुगतान करें.
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अभी भी हिम केयर और आयुष्मान की लगभग 400 करोड़ रुपये की देनदारी है. जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा इंपैनल की गई कंपनियां भी बकाया भुगतान के लिए भटक रही हैं. आए दिन अस्पतालों में या तो जांच बंद रहने या फिर जांच बंद किए जाने के अल्टीमेटम से जुड़ी खबरें सुर्खियां बनती हैं. इसी तरह एम्बुलेंस सेवा प्रदान कर रही कंपनियों द्वारा भी आए दिन कोई ना कोई शिकायत की जाती है और एंबुलेंस का संचालन रोकने का अल्टीमेटम मिलता रहता है. लोगों के जीवन से जुड़ी आपातकालीन सुविधाओं को लेकर सुख की सरकार का रवैया बहुत उदासीन है. ऐसा लगता है कि सरकार को लोगों के जीवन की कोई फिक्र ही नहीं है. ऐसा व्यवस्था परिवर्तन से प्रदेश के लोगों को नहीं चाहिए. मुख्यमंत्री से मेरा आग्रह है कि वह लोगों के जीवन से खिलवाड़ करना बंद करें.
’केंद्र ने एक हफ्ते में तीन सीसीयू और एक ईएसआईसी अस्पताल हिमाचल को दिए'
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को पिछले एक हफ्ते के भीतर चार स्वास्थ्य संस्थान सौंपे हैं. पिछले हफ्ते ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने प्रदेश में सुजानपुर, बड़सर और शिमला के सुन्नी तीन क्रिटिकल केयर यूनिट स्थापित किए जाने की स्वीकृति दी है. जिसके लिए केंद्र 78 करोड़ रुपये देगा. इसके साथ ही केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शनिवार को जिला सिरमौर के औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में सौ करोड़ को लागत से बने ईएसआईसी अस्पताल का लोकार्पण किया.
इन सभी सौगात के लिए नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि एम्स बिलासपुर सहित अन्य कई मेडिकल कॉलेज एवं संस्थान को प्रदेश में स्थापित करने हेतु नड्डा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के 80 डायलिसिस सेंटर का 25 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. अस्पताल चलाने वाले लोग कई बार जवाबदेह लोगों से मिलकर पेमेंट करने की गुहार लगा चुके हैं. सरकार द्वारा उन्हें बार-बार कोई ना कोई तारीख भी दी गई है. इसके बाद भी उनका भुगतान नहीं हो पाया है. सरकार द्वारा भुगतान के लिए पहले 15 मई की तारीख भी दी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
’पहले भी भुगतान के अभाव में डायलिसिस होना हो चुका है बंद'
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार के इस रवैए के कारण डायलिसिस सेंटर चला रहे अस्पताल भी परेशान हैं और उन्होंने बार-बार सरकार को आगाह भी किया है कि अगर उनका भुगतान नहीं हुआ तो उन्हें डायलिसिस सेंटर बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. ऐसी परिस्थिति में किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज के लिए क्या विकल्प बचेंगे? वे लोग अपनी डायलिसिस कैसे करवाएंगे? सरकार इस तरीके से प्रदेश के लोगों को भगवान के भरोसे नहीं छोड़ सकती है. प्रदेश में पहले भी भुगतान के अभाव में डायलिसिस होना बंद हो चुका है. इसलिए मुख्यमंत्री मरीजों पर रहम करें और डायलिसिस समेत इलाज से संबंधित सभी बकाया धनराशि का भी अति शीघ्र भुगतान करें.
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अभी भी हिम केयर और आयुष्मान की लगभग 400 करोड़ रुपये की देनदारी है. जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा इंपैनल की गई कंपनियां भी बकाया भुगतान के लिए भटक रही हैं. आए दिन अस्पतालों में या तो जांच बंद रहने या फिर जांच बंद किए जाने के अल्टीमेटम से जुड़ी खबरें सुर्खियां बनती हैं. इसी तरह एम्बुलेंस सेवा प्रदान कर रही कंपनियों द्वारा भी आए दिन कोई ना कोई शिकायत की जाती है और एंबुलेंस का संचालन रोकने का अल्टीमेटम मिलता रहता है. लोगों के जीवन से जुड़ी आपातकालीन सुविधाओं को लेकर सुख की सरकार का रवैया बहुत उदासीन है. ऐसा लगता है कि सरकार को लोगों के जीवन की कोई फिक्र ही नहीं है. ऐसा व्यवस्था परिवर्तन से प्रदेश के लोगों को नहीं चाहिए. मुख्यमंत्री से मेरा आग्रह है कि वह लोगों के जीवन से खिलवाड़ करना बंद करें.
’केंद्र ने एक हफ्ते में तीन सीसीयू और एक ईएसआईसी अस्पताल हिमाचल को दिए'
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को पिछले एक हफ्ते के भीतर चार स्वास्थ्य संस्थान सौंपे हैं. पिछले हफ्ते ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने प्रदेश में सुजानपुर, बड़सर और शिमला के सुन्नी तीन क्रिटिकल केयर यूनिट स्थापित किए जाने की स्वीकृति दी है. जिसके लिए केंद्र 78 करोड़ रुपये देगा. इसके साथ ही केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शनिवार को जिला सिरमौर के औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में सौ करोड़ को लागत से बने ईएसआईसी अस्पताल का लोकार्पण किया.
इन सभी सौगात के लिए नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि एम्स बिलासपुर सहित अन्य कई मेडिकल कॉलेज एवं संस्थान को प्रदेश में स्थापित करने हेतु नड्डा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
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