हरियाणा में निवेश का माहौल बढ़ाने और प्रदेश को व्यापार-अनुकूल गंतव्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, राज्य सरकार की योजना हरियाणा जन विश्वास विधेयक लाने की है। इस ऐतिहासिक विधेयक का उद्देश्य छोटे-मोटे अपराधों को अपराध से मुक्त करने के साथ-साथ रेगुरेटरी वैरियर्स को दूर करना और विभागों में कप्लाइंस वर्डन को कम करना भी है। कैबिनेट सचिवालय के विशेष सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में अनुपालन में कमी और और विनियमन को बढ़ावा देने के संबंध में हुई बैठक के दौरान इन पहलों की जानकारी दी गई। हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार विनियमन को बढ़ावा देकर, छोटे अपराधों को अपराध-मुक्त और अनुपालन बोझ को कम करके कारोबारी सहुलियत बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण होगा मुख्य सचिव ने आगे कहा कि राज्य सरकार का दृष्टिकोण समग्र है। चाहे औद्योगिक स्वीकृतियों को सुव्यवस्थित करना हो, भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण हो या भवन बिल्डिंग कोड को सरल बनाना हो, हर उपाय का मकसद निवेशकों का भरोसा बढ़ाना और उद्यम को सहायता देना है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं देश में उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विनियमन और अनुपालन में कटौती के उपायों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि शेष सुधार केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर लागू किए जाएंगे। गुरुग्राम-फरीदाबाद दिल्ली से आगे निकले कैबिनेट सचिवालय के विशेष सचिव पाठक ने व्यापार सुधारों में अग्रणी राज्य के रूप में हरियाणा की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को अनुपालन में कमी और विनियमन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राज्य से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह गुरुग्राम और फरीदाबाद आर्थिक गतिविधियों के प्रमुख केंद्र बनकर उभरे हैं, यहां तक कि कई मानकों में दिल्ली से भी आगे निकल गए हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास और आर्थिक गतिशीलता के मामले में हम हरियाणा को गुजरात, तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे बड़े राज्यों के बराबर मानते हैं। 36 पुराने एक्ट निरस्त हो चुके हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने कहा कि पिछले एक दशक में, हरियाणा ने तीन प्रमुख विभागों में 36 पुराने अधिनियमों को निरस्त किया है और 37 छोटे आपराधिक प्रावधानों को हटाया है। जन विश्वास विधेयक कानूनी आधुनिकीकरण के अगले चरण का प्रतीक है। इस सुधार की अगुवाई कर रहे उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने 37 विभागों के 230 से अधिक अधिनियमों की व्यापक समीक्षा शुरू की है। हरियाणा में EODB प्रकोष्ठ बनाया इन सुधारों का सुव्यवस्थित और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए, राज्य सरकार ने एक समर्पित राज्य-स्तरीय ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (EODB) प्रकोष्ठ की स्थापना की है। मुख्य सचिव की प्रत्यक्ष देखरेख में यह प्रकोष्ठ विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है, कानूनी प्रावधानों का विश्लेषण कर रहा है और सरलीकरण की सिफारिश कर रहा है। इसके साथ ही, जटिलता को कम करने और एकीकृत योजना को आगे बढ़ाने के लिए, हरियाणा अपनी भूमि उपयोग नीतियों और विकास नियमों को भी युक्तिसंगत बना रहा है। राज्य ने मिश्रित भूमि उपयोग मॉडल को अपनाया है, जिससे अधिकांश क्षेत्रों में आवासीय, वाणिज्यिक और सार्वजनिक उपयोगों की अनुमति मिल गई है। लाल डोरे की जमीनें उद्योगों को मिल रहीं लाल श्रेणी सहित सभी प्रकार के उद्योगों के लिए औद्योगिक क्षेत्रों को खोल दिया गया है, जबकि गैर-लाल श्रेणी के उद्योगों को कृषि क्षेत्रों में भी अनुमति है। सर्विस रोड के किनारे छोटी व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति है, और आवासीय क्षेत्रों में पूर्व अनुमति से गैर-आवासीय उपयोग किए जा सकते हैं। वर्तमान में एक समिति भूमि उपयोग उप-वर्गीकरण को और सरल बनाने के लिए काम कर रही है, जिसकी सिफारिशें जल्द आने की उम्मीद है।
जल्द आ सकता है हरियाणा पब्लिक ट्रस्ट बिल:छोटे अपराध, अपराध-मुक्त होंगे; रेगुलेटरी वैरियर दूर होंगे, विभागों में कॉप्ल्यांस बोझ होगा कम
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