IPS Deepak Ranjan: पटना से गयाजी जा रहे आईपीएस अधिकारी दीपक रंजन को उनके बॉडीगार्ड और ड्राइवर ने गलती से बीच रास्ते में ही छोड़ दिया था. आईपीएस अधिकारी के साथ हुई यह घटना 29 मई (2025) की रात की है. जब यह मामला सामने आया तो इसकी खूब चर्चा हुई. जानिए आईपीएस दीपक रंजन के बारे में जिनके साथ यह घटना हुई है. आईपीएस दीपक रंजन का विवादों से पुराना नाता रहा है.
2012 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं दीपक रंजन
दीपक रंजन 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. जब वह आरा में एएसपी के पद पर तैनात थे उस समय उन पर जेडीयू के दो कार्यकर्ताओं की बेरहमी से पिटाई का आरोप लगा था. उसके बाद उनका तबादला हो गया. इसके बाद वे समस्तीपुर के एसपी बनाए गए, लेकिन छह महीने में ही फिर उनका ट्रांसफर बीएमपी में कर दिया गया.
पत्रकार और जेडीयू नेता को फर्जी केस में फंसाने का भी आरोप
इसके बाद वह जहानाबाद के एसपी बने. यहां भी उन पर एक पत्रकार और एक जेडीयू नेता को फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगा. दोनों का मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा. जेडीयू नेता रणधीर पटेल ने तो भरी मीटिंग में रो-रोकर मुख्यमंत्री के सामने अपने ऊपर हुए जुल्म और साजिश के बारे में बताया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया और आईपीएस की जमकर क्लास लगाई थी. आखिरकार जेडीयू नेता रणधीर पटेल बरी किए गए. इसी तरह पत्रकार को फर्जी मुकदमे में फंसाए जाने के मामले में एसपी की भूमिका की जांच अभी जारी है.
बता दें कि दीपक रंजन के साथ हुई घटना जहानाबाद जिले के टेहटा थाना क्षेत्र की है. दीपक रंजन शौच के लिए एक पेट्रोल पंप पर रुके थे. उनके साथ दोनों बॉडीगार्ड और ड्राइवर भी उतर गए. सड़क किनारे काफी अंधेरा था. आईपीएस अधिकारी के पहुंचने से पहले दोनों बॉडीगार्ड और ड्राइवर गाड़ी लेकर चल दिए. किसी ने ध्यान नहीं दिया कि दीपक रंजन बैठे भी हैं या नहीं. इसके बाद करीब 1.5 किलोमीटर पैदल चलकर दीपक रंजन टेहटा थाना पहुंचे. बाद में ड्राइवर और दोनों बॉडीगार्ड को निलंबित कर दिया गया.
यह भी पढ़ें- CM नीतीश के मंत्री ने बढ़ाई PK की टेंशन! प्रशांत किशोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज, जानिए मामला