जालंधर डिपो को मिले 2 दर्जन ड्राइवर, 5 डोप पॉजिटिव निकले, सात ने जॉइन ही नहीं किया

by Carbonmedia
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भास्कर न्यूज | जालंधर पंजाब रोडवेज ड्राइवरों की कमी से जूझ रही है। इसकी एक वजह सिर्फ 12 हजार रुपए सैलरी भी मानी जा रही है, जिसके चलते नई भर्तियां नहीं हो पा रही। पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन के विरोध के बावजूद सरकार ने प्राइवेट कंपनी के साथ मिलकर ड्राइवरों की आउट सोर्स नियमों के तहत नई भर्ती की थी। लेकिन बावजूद इसके बसें डिपो में ही खड़ी है क्योंकि एक दर्जन ड्राइवरों ने अभी ज्वाइन ही नहीं किया है। बताया जा रहा है कि इनमें से पांच ड्राइवर ऐसे हैं जोकि डोप टेस्ट में पॉजिटिव आ चुके है तो 7 ऐसे हैं जिन्होंने अब तक रिपोर्ट ही नहीं किया है। पंजाब स्तर पर ऐसा ही हाल है। भर्ती हुए 100 से ज्यादा ड्राइवरों में दर्जनों अलग-अलग डिपो में रिपोर्ट नहीं कर रहे। जिन्होंने रिपोर्ट किया उनमें से एक ड्राइवर डोप पॉजीटिव आ चुके है। बता दें कि पंजाब भर में 150 से 200 के करीब बसें बिना ड्राइवरों के रोडवेज डिपो में खड़ी है, जिनकी किश्तें भी विभाग की तरफ से जमा करवाई जा रही है लेकिन ड्राइवरों की कमी अभी भी दूर नहीं हो पा रही। पिछले महीनों ही 103 ड्राइवरों की भर्ती के लिए पंजाब के 5 बड़े डिपो में भर्ती प्रकिया के तहत ड्राइविंग टेस्ट लिया गया था। पंजाब रोडवेज के पास पहले से ही 2407 बसों का फ्लीट है जोकि कम माना जा रहा है। इसी का सीधा फायदा प्राइवेट बस वाले उठाते हैं। बसें पूरी ना होने के चलते सरकारी टाइम टेबल पर भी प्राइवेट बसें काउंटरों पर लगी रहती है। इसका सीधा नुकसान रेवेन्यू के रूप में सरकार को हो रहा है। वहीं, फ्री सफर करने वाली महिलाओं को भी सरकारी बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। आउट सोर्स के तहत एक प्राईवेट कंपनी के माध्यम से रोडवेज की तरफ से नए ड्राइवरों की भर्ती की जा रही है ताकि डिपो में खड़ी बसों को चलाकर रेवेन्यू बढ़ाया जा सके। लेकिन बावजूद इसके सफलता नहीं मिल रही है क्योंकि कम सेलरी भी इसका मुख्य कारण है। इस नई भर्ती के तहत मुलाजिमों को महज 12 हजार रुपए सेलरी दी जा रही है जबकि 1 ओवरटाइम में डबल पैसे मिलते है। इतनी कम सेलरी में घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है, ड्राइवरों की तकनीकी रुप से काफी अहम जॉब होती है। जहां एक तरफ मजदूरों को 600 से 700 रुपए दिहाड़ी मिल रही है वहीं ड्राइवरों को महीने के 12 हजार रुपए काफी कम है। अॉनरूट ड्राइवरों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन बावजूद इसके उनकी सेलरी ज्यादा नहीं है। एक ड्राइवर को प्रतिदिन मेक्सिमम 4 घंटे का ओवरटाइम मिलता है जिसमें उसे डबल पैसे मिलते है। जालंधर डिपो को मिले हैं 13 नए ड्राइवर पंजाब रोडवेज जालंधर डिपो-1 में इस नई भर्ती के तहत 13 नए ड्राइवर मिले थे। जिनमें से 3 ड्राइवर डोप पॉजिटिव, 2 ने रिपोर्ट नहीं किया, 1 ड्राइवर काम शुरू करने के बाद छोड़कर जा चुका है। 7 ड्राइवर डिपो में अलग-अलग रूट पर बसों में अॉनरूट चल रहे है। डिपो में अभी भी 15 के करीब बसें बिना ड्राइवरों के ही शैड में खड़ी है। पंजाब रोडवेज डिपो-2 में भी नई भर्ती के तहत 11 ड्राइवर नए मिले थे। जिनमें से 5 ने ज्वाइन किया, 2 डोप पॉजिटिव जबकि 4 ने रिपोर्ट ही नहीं किया। जालंधर डिपो-2 में अभी तक 5 बसें ही अॉनरूट हो पाई है जबकि 8 से ज्यादा बसें रोडवेज डिपो के अंदर शैड में धूप फांक रही है। पंजाब रोडवेज बसों की फाइल फोटो।

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