जालंधर स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों से जुड़े हाई-प्रोफाइल ‘डंकी रूट’ मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत पंजाब और हरियाणा के 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी। बुधवार को शुरू हुई गुरुवार को खत्म हुई। ये कार्रवाई अमृतसर, संगरूर, पटियाला, मोगा, अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल जिलों में की गई। रेड के बाद ईडी ने कुल एजेंट के घर से 30 पासपोर्ट बरामद किए, जो लोगों को ‘डंकी रूट’ से भेजने में शामिल था। जांच में यह भी पता चला है कि एजेंटों ने करोड़ों रुपये की नकद और हवाला के जरिए लेन-देन किया। ईडी ने बताया कि इन छापों के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, रिकॉर्ड और डिजिटल डिवाइस बरामद की गईं और जब्त भी की गईं। ईडी ने यह कार्रवाई पंजाब और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर शुरू की। यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता (अब बीएनएस 2023) और इमिग्रेशन एक्ट 1983 के तहत दर्ज हुई थीं। जांच में सामने आया कि अमेरिका जाने के इच्छुक लोगों को ट्रैवल एजेंट और दलालों ने यह झांसा दिया कि वे उन्हें कानूनी तरीके से अमेरिका भेजेंगे। कई अन्य बड़े प्लेयर भी जांच के दायरे में लेकिन असल में इन्हें ‘डंकी रूट’ के जरिए खतरनाक रास्तों से अवैध रूप से कई देशों की सीमाएं पार कराई गईं। इस रूट पर मानव तस्करी माफिया और डंकर (तस्करी के गिरोह) की मदद से लोगों को भेजा जाता था। इतना ही नहीं, माफिया और एजेंट रास्ते में ही डराने-धमकाने की स्थिति पैदा कर अतिरिक्त रकम वसूलते थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान कई और एजेंटों और इमिग्रेशन एजेंसियों के नाम भी सामने आए, जो बड़े पैमाने पर इस अवैध धंधे को चला रहे हैं। जल्द सारे मामले में ईडी बड़ा खुलासा कर सकती है, क्योंकि मामले में कुछ बड़े प्लेयर्स के भी नाम सामने आएं हैं।
जालंधर ED ने बरामद किए 30 पासपोर्ट-डिजिटल डिवाइस:डंकी रूट मामले में 11 जगह पर हुई थी रेड, हवाला से पैसों के लेनदेन का खुलासा
11