देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी ने कहा है कि रिलायंस जियो को लॉन्च करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा जोखिम था। अंबानी ने ये बात 25 जून को मैकिन्से एंड कंपनी को दिए इंटरव्यू में कही। अंबानी ने कहा हम मानते हैं कि इंसान खाली हाथ आता है और खाली हाथ जाता है, पीछे सिर्फ एक संस्था (इंस्टिट्यूशन) छोड़ता है। मेरे पिता ने मुझसे कहा था कि रिलायंस एक प्रक्रिया है। ये एक ऐसी संस्था है जो बनी रहनी चाहिए। तुम्हें ये सुनिश्चित करना है कि रिलायंस तुम्हारे और मेरे बाद भी चले। यहां 10 पॉइंट में पढ़ें अंबानी की कही 10 बड़ी बातें… 1. जिओ में लाइफ का सबसे बड़ा रिस्क अंबानी ने कहा मैंने अपने बोर्ड को बताया था कि जियो को लॉन्च करना अब तक का सबसे बड़ा जोखिम था। उस समय हम अपनी खुद की रकम लगा रहे थे, और मैं सबसे बड़ा शेयरहोल्डर था। कुछ विश्लेषकों का मानना था कि भारत सबसे उन्नत डिजिटल तकनीक के लिए तैयार नहीं है, इसलिए जिओ का बुरा हाल हो सकता था। लॉन्चिंग के बाद हमें ज्यादा रिटर्न न मिलने का रिस्क था। 2. नाकामयाबी भी मंजूर थी मैंने बोर्ड को बताया, सबसे खराब स्थिति में हमें ज्यादा रिटर्न नहीं मिलेगा। ये ठीक है क्योंकि ये हमारा अपना पैसा है। लेकिन फिर भी, रिलायंस के लिए भारत में ये सबसे बेहतरीन परोपकार होगा, क्योंकि हम भारत को डिजिटल बनाएंगे और इसे पूरी तरह बदल देंगे। 3. बड़े स्तर के काम हमारे लिए जरूरी हमने हमेशा बड़े जोखिम लिए हैं क्योंकि हमारे लिए स्केल( बड़े स्तर का काम) बहुत जरूरी है। जियो के आने से भारत में इंटरनेट और डेटा सस्ता हुआ, जिससे करोड़ों लोगों को डिजिटल एक्सेस मिला। 4. पिता ने कहा रिलायंस हमारे बाद भी रहे अंबानी ने कहा हम मानते हैं कि दिन के अंत में, आप इस दुनिया में बिना कुछ लिए आते हैं और बिना कुछ ले जाए छोड़ जाते हैं। आप जो पीछे छोड़ते हैं, वो एक संस्था है। मेरे पिता ने मुझसे कहा, रिलायंस एक प्रक्रिया है। ये एक ऐसी संस्था है जो बनी रहनी चाहिए। तुम्हें ये सुनिश्चित करना है कि रिलायंस तुम्हारे और मेरे बाद भी चले। 5. रिलायंस को 100 साल तक चलाना है मैंने अपने पिता से वादा किया है कि रिलायंस हमेशा बनी रहेगी। 2027 में रिलायंस अपनी गोल्डन जुबली मनाएगी। लेकिन मैं चाहता हूं कि रिलायंस भारत और मानवता की सेवा 100 साल पूरे होने के बाद भी करती रहे। मुझे भरोसा है कि ऐसा होगा। 6. भविष्य के बिजनेस पर भरोसा रिलायंस का माइंडसेट भविष्य के बिजनेस में विश्वास करना है। अगर आप 1960 और 70 के दशक या 2000 और 2020 के रिलायंस को देखें, तो ये अब पूरी तरह अलग संगठन है। ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया हर 5-10 साल में बदलती है। 7. बिजनेस स्कूल की सीख को तोड़ा हमने बिजनेस स्कूल की हर उस सीख को चुनौती दी, जैसे कि वैल्यू चेन में इंटीग्रेशन नहीं करना चाहिए। हमने ये सब तोड़ा। जैसे-जैसे हम भविष्य की तकनीक के अवसरों का पीछा करते हैं, कुछ अवसर हमारे मौजूदा अवसरों से भी बड़े हो जाते हैं। इन्हें हम छोड़ नहीं सकते। 8. रिस्क मैनेजमेंट का मेरा सिद्धांत रिस्क मैनेजमेंट में मेरा सिद्धांत है कि पहले सबसे खराब स्थिति के बारे में सोचो, फिर उसे सहन करने की तैयारी करो। आप सबसे पहले ये सोचते हैं कि सबसे बुरा क्या हो सकता है, और फिर आपको उसे सहना होता है। यही मेरा एक सिद्धांत रहा है। 9. कर्मचारियों से आंख मिलाना जरूरी लगभग 30-40 साल पहले मैंने कहा था कि मेरा एक निजी सिद्धांत ये होना चाहिए कि मैं अपने किसी भी कर्मचारी की आंखों में देख सकूं। रिलायंस में हम अपने लीडर्स को कहते हैं कि आंखों में देखना जरूरी है क्योंकि इससे आप अपनी ईमानदारी दिखाते हैं। 10. सिद्धांत रिलायंस की संस्कृति मैं मानता हूं कि हम अपने टॉप 100 लीडर्स को अपने सिद्धांत बता सकते हैं। हम कह सकते हैं, ‘ये हमारे सिद्धांत हैं। हम वही करेंगे जो सही है। जो भी हम करें, हमें एक-दूसरे को देखकर ये कहना चाहिए कि हमें शर्मिंदगी नहीं है।’ यही रिलायंस की संस्थागत संस्कृति है।
जियो को लॉन्च करना मेरी लाइफ का सबसे बड़ा रिस्क:अंबानी बोले- इंसान खाली हाथ आता है, खाली हाथ जाता है; इंटरव्यू की 10 बड़ी बातें
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