Jammu-Kashmir Politics: जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने एलजी मनोज सिन्हा पर सीधा निशाना साधते हुए कहा है कि वह सरकार के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप कर रहे हैं. चौधरी ने कहा कि वे अपने नेताओं के कारण चुप हैं, जिस दिन उनके नेता बोलना शुरू करेंगे, तो कई राज खुल सकते हैं.
यह बयान एलजी प्रशासन द्वारा हाल ही में किए गए बड़े स्तर के तबादलों के बाद आया है, जिनमें 5 डिप्टी कमिश्नर समेत कुल 134 आईएएस और केएएस अधिकारियों को इधर-उधर किया गया है.
डिप्टी सीएम सुरिंदर कुमार चौधरी ने इन तबादलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर अधिकारी किसी और की पसंद से काम करेंगे और सिर्फ आदेश मानने वाले बनेंगे, तो सरकार कैसे सुचारू रूप से काम कर सकेगी.
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह स्थिति लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है और इससे प्रशासन की जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े होते हैं. उनका मानना है कि यह हस्तक्षेप सरकारी तंत्र को कमजोर कर रहा है और इससे जनता के विश्वास पर भी असर पड़ रहा है.
जम्मू-कश्मीर का विकास पूर्ण राज्य के दर्जे के बाद हो पाएगा- डिप्टी CMउन्होंने जम्मू-कश्मीर में विकास की गति को बनाए रखने के लिए एक बड़ा सुझाव देते हुए कहा कि राज्य को पूर्ण राज्य का दर्जा तत्काल बहाल किया जाना चाहिए. चौधरी के अनुसार, जब तक राज्य को उसका संविधानिक दर्जा वापस नहीं दिया जाता, तब तक स्थानीय सरकारें पूरी तरह प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पाएंगी.
उनका कहना है कि जब तक सभी निर्णय एलजी हाउस से आएंगे, तब तक सिर्फ टकराव और भ्रम की स्थिति बनी रहेगी. इस पूरे बयान ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है. चौधरी के तीखे तेवर और स्पष्ट भाषा से साफ है कि केंद्र और एलजी प्रशासन के बीच खिंचाव अब खुलकर सामने आने लगा है.
‘जिस दिन हमारे नेता बोलना शुरू करेंगे, उस दिन…’, जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने मनोज सिन्हा को घेरा
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