जींद के युवक की अमेरिका में मौत:झील पर नहाते समय लहरों में फंसा, 60 लाख खर्च कर डोंकी के रास्ते गया था अमेरिका

by Carbonmedia
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जींद के युवक की अमेरिका में डूबने से मौत हो गई। युवक दोस्तों के साथ नहाने के लिए झील पर गया था। वहां लहरों में फंसकर युवक डूब गया। इसके बाद उसे बाहर निकाला गया और करीब 25 मिनट तक सीपीआर दी लेकिन युवक बच नहीं पाया। मृतक के शव को इंडिया लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जींद जिले के उचाना क्षेत्र के घोघड़ियां गांव का 37 वर्षीय संदीप बूरा तीन साल पहले 60 लाख रुपए खर्च कर डोंकी के रास्ते अमेरिका गया था। पांच से छह महीने तक संदीप पनामा के जंगलों में रहा। इस दौरान भूखा-प्यासा रहा। काफी संघर्ष के बाद संदीप मेक्सिको की दीवार कूदने के बाद अमेरिका की तरफ गया और आर्मी के कैंप में रहा। दोस्तों के साथ नहाने के लिए गया था झील पर वहां से बाहर निकल कर फाइल लगवाई और एक साल तक संदीप को अंडरग्राउंड रहना पड़ा। फाइल की प्रोसेसिंग के बाद संदीप ने काम शुरू किया और ट्रक ड्राइवरी के लिए ट्रेनिंग लेने लगा। संदीप बूरा फिलहाल फ्रेसनो शहर में रह रहा था। चार अगस्त की शाम को संदीप अपने दोस्तों के साथ किंग रीवर झील में नहाने के लिए चला गया। यहां नहाते समय संदीप लहरों के बीच फंस गया और डूब गया। अमेरिकी फायर फाइटर्स और प्रशासनिक कर्मचारियों को इसकी सूचना मिली तो तुरंत मौके पर पहुंचे और संदीप को बाहर निकाला। इस दौरान संदीप की सांसें चल रही थी। संदीप को सीपीआर दी गई। इसके बाद एयर एम्बुलेंस के जरिए संदीप को पास के ही अस्पताल में ले जाया गया। संदीप की मौत से पूरा परिवार सदमे में वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। संदीप के पास ही गांव के ही एक-दो युवक रहते हैं, उन्होंने संदीप के घर इसकी सूचना दी। संदीप के छोटे भाई प्रदीप ने बताया कि वह सीएससी चलाता है। उसके पिता रामकला काफी समय से बीमार चल रहे हैं। भाई को अमेरिका भेजने पर करीब 60 लाख रुपए खर्च हुए हैं। संदीप की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। वह चाहते हैं कि संदीप के शव को देश की, गांव की मिट्टी नसीब हो जाए, इसलिए वह प्रयास कर रहे हैं कि संदीप का शव गांव में आ जाए। संदीप उचाना कलां के घसो गांव में विवाहित था। संदीप को दो बच्चे हैं। उनके पिता के पास केवल दो एकड़ ही जमीन है। उन्होंने ब्याज पर रुपए लेकर संदीप को अमेरिका भेजा था, ताकि घर की आर्थिक दशा सुधर सके लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। यारी इंटरनेशनल संस्था के रणबीर सिंह लोहान की मदद से शव को इंडिया लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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