हरियाणा के जींद की जाट धर्मशाला में किसानों की बैठक हुई। इसमें किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से लेकर अभिमन्यु कोहाड़ समेत कई प्रदेश स्तरीय नेता पहुंचे। बैठक में अभिमन्यु कोहाड़ ने अपनी भारतीय किसान नौजवान यूनियन का डल्लेवाल की भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर में विलय किया। किसान नेता सरदार दलजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि किसान संगठन टूट रहे हैं लेकिन आज यहां बैठक में किसान संगठनों ने जो विलय किया है, उससे किसान और मजबूत हुए हैं। डल्लेवाल ने कहा कि संगठन जब टूटते हैं तो पद की लालसा से या विचारधारा से ही टूटते हैं। विचारधारा के कारण ही वह अलग हुए थे 2020-21 के आंदोलन और स्वामी नाथन रिपोर्ट किसान मजदूर की बातों को लेकर बोलते हुए डल्लेवाल ने कहा कि 2020 को जो आंदोलन चला था, उसमें आंदोलन की रणनीति क्या है और क्या निर्णय लेना है, उसके वो सदस्य थे लेकिन वहां जो अंतर था, उसके पीछे एक कारण था कि 2021 के आंदोलन में सरकार ने कानून वापस लेने की बात कही थी। हमने बैठक में एजेंडा लगाया था कि किसान सुसाइड करता है और कर्ज में मरता है, उसकी फसल का सही रेट मिले। हमने यह बात रखी थी। विचारधारा के कारण ही संगठन टूटते हैं। इसलिए सभी से अपील है कि संगठन में मिलजुल कर काम करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि वो किसी पॉलिटिकल पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे और न हीं इलेक्शन लड़ेंगे। देश की आजादी में 92 प्रतिशत कुर्बानियां पंजाब-हरियाणा से थी हम जो लड़ाई किसान के लिए लड़ रहे हैं, वो किसी पर अहसान नहीं जता रहे हैं। शहीदों ने देश के लिए पता नहीं क्या-क्या झेला है। देश की आजादी की जब लड़ाई चली थी, तब हरियाणा और पंजाब एक था। उसमें 92 प्रतिशत कुर्बानियां पंजाब और हरियाणा से हुई। डल्लेवाल ने कहा कि अगर भारत के नेता खेती के लिए चिंता करें तो ये आधा पानी समुंद्र में नहीं जाता। बिजली बनने के प्रोजेक्ट लगा कर पानी अलग-अलग जगह पर किसानों को दें तो सभी किसानों को पानी मिल सकता है। हम हरियाणा और पंजाब के किसान एक साथ खड़े रहेंगे। सरकारें बहुत कुछ करती हैं और उनकी चालों का मुकाबला कैसे करना है, इसके बारे में सीखना है। जेल भी होंगी, लाठी भी खानी है और अपने बच्चों का भविष्य सही रखना है तो इसके लिए भी तैयार रहना है।
जींद में किसानों ने की बैठक:डल्लेवाल की यूनियन में विलय हुई अभिमन्यु कोहाड़ की यूनियन, विचारधारा के कारण टूट रही यूनियनें
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