जींद में उचाना शहर के निवासियों को जल्द ही बंदरों के आतंक से राहत मिलने वाली है। नगर पालिका ने बंदरों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है। शहर में बंदरों का आतंक इतना बढ़ गया है कि लोगों को अपने घरों की सुरक्षा के लिए 20 से 30 हजार रुपए खर्च कर लोहे के जाल लगवाने पड़ रहे हैं। स्थानीय नागरिक अस्पताल में रोजाना चार से पांच लोग बंदरों के काटने के कारण रेबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंचते हैं। बंदर मुख्य रूप से बुजुर्गों और गली में खेलते बच्चों को निशाना बनाते हैं। कई बार बंदरों का झुंड इतना बड़ा होता है कि अकेले व्यक्ति का गली से गुजरना मुश्किल हो जाता है। घर में घुसकर तोड़फोड़ करते हैं बंदर स्थानीय निवासी राममेहर, सचिन, राजेश और बलजीत के अनुसार शहर की हर गली में लोगों को अपने घरों की सुरक्षा के लिए लोहे के जाल लगवाने पड़े हैं। बंदरों के डर से बच्चे गलियों में खेल नहीं पाते। दरवाजा खुला छूटने पर बंदर घर में घुसकर तोड़फोड़ करते हैं। नगर पालिका के उपाध्यक्ष प्रतिनिधि सुरेंद्र ने बताया कि जिन क्षेत्रों में बंदरों की संख्या अधिक है, वहां लोहे के पिंजरे लगाकर उन्हें पकड़ा जा रहा है। यह कार्रवाई लोगों की लगातार मांग पर की जा रही है।
जींद में बंदरों को पकड़ रही नगरपालिका:बुजुर्गों और बच्चों को निशाना बना रहे, सुरक्षा के लिए लोहे के जाल लगवा रहे लोग
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