जींद जिले में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुककर हो रही हल्की से मध्यम बारिश के बाद पांच गांवों की फसलों पर खतरा मंडराने लगा है। 400 एकड़ के करीब फसल जलमग्न हो गई है। इसका कारण यह है कि इन क्षेत्र में भूमिगत जल स्तर ऊपर आ गया है, इस कारण बारिश का पानी जमीन में नहीं जा पा रहा। बराड़ खेड़ा गांव में 150 एकड़ धान की फसल जलभराव होने से डूब गई है तो वहीं शामलो, गढ़वाली, लजवाना कलां, करसोला में भी निचले क्षेत्र में पानी भरा हुआ है। करसोला गांव में खेतों से पानी निकालने के लिए पंपसेट चालू कर दिया गया है। किसानों का कहना है कि अगर आगामी दिनों में और वर्षा होती है, तो धान की फसल डूब जाएगी। वहीं मौसम विभाग के अनुसार पांच अगस्त तक जिले में बारिश के आसार बने रहेंगे। बराड़ गांव के किसान अनुज सांगवान ने बताया कि पहले तो बारिश नहीं होने से धान की फसल सूख रही थी। डीजल फूंक कर ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही थी। पिछले दिनों हुई वर्षा से उसकी 20 एकड़ धान की फसल डूब गई। अब दूसरी फसल लगाने का भी समय नहीं बचा है। उसे लाखों रुपये का नुकसान होगा। गांव के ही किसान राजेश ने बताया कि बारिश के कारण उसकी पांच एकड़ धान की फसल डूब गई है। आगामी दिनों में और भी वर्षा होने की संभावना है। ऐसे में खेत से पानी निकलना भी मुश्किल है। सरकार को जल्द निकासी का स्थायी प्रबंध करना चाहिए और नुकसान की भरपाई करे। खेतों में भरा पानी, पंपसेट सेट लगाकर निकाला जा रहा
करसोला गांव के किसान नरेंद्र लाठर ने बताया कि गांव के खेतों में बरसाती पानी भर गया है। अभी धान की फसल ऊपर से थोड़ी-थोड़ी दिखाई दे रही है। प्रशासन की तरफ से खेतों से पानी निकालने के लिए पंप चलाया गया है। आगामी दिनों में और वर्षा होती है, तो गांव में सैकड़ों एकड़ फसल डूब कर खराब हो सकती है। अकालगढ़ में सैकड़ों एकड़ में जलभराव
अकालगढ़ गांव के किसान श्यामलाल ने बताया कि गांव में सैकड़ों एकड़ फसल में जलभराव होने से फसल खराब होने का डर है। किसानों ने सरकार व प्रशासन से खेतों से जल्द पानी निकालने की मांग की है। जलभराव की वजह से हर गांव में फसल खराब होती है, जिससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान होता है। नायब तहसीलदार को जायजा लेने के दिए हैं निर्देश
जिला राजस्व अधिकारी राजकुमार ने बताया कि अकालगढ़ गांव में खेतों में पानी भरने की शिकायत आई है। सरकार की तरफ से भी इस संबंध में निर्देश आए हैं। नायब तहसीलदार को गांव में स्थिति का जायजा लेने और निकासी का प्रबंध करने के आदेश दिए हैं। बाकी गांवों से अभी शिकायत नहीं आई है।
जींद में 5 गांवों की फसलें पानी में डूबी:मध्यम बारिश के बाद भूमिगत जलस्तर आया ऊपर, धान की फसलों पर मंडराया खतरा
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