जीरो ग्रेविटी में शरीर कैसे पचाता है खाना? एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला से समझिए पूरी प्रकिया

by Carbonmedia
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Digestive System in Space: जब कोई अंतरिक्ष यात्री धरती से हजारों किलोमीटर दूर जीवन बिताता है तो वहां का हर अनुभव न सिर्फ अनोखा होता है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण बन जाता है. ऐसे ही एक खास मिशन पर गए हैं भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो फिलहाल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर मौजूद हैं और वे कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक शोध और शैक्षणिक गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं.
बता दें, अंतरिक्ष में जहां हर चीज तैरती हुई नजर आती है, वहीं शरीर के अंदर की प्रक्रियाएं भी उसे प्रभावित करती हैं. खासकर पाचन तंत्र, जो शरीर को ठीक रखने के लिए अहम भूमिका निभाता है. आइए जानते हैं कि अंतरिक्ष में पाचन कैसे प्रभावित होता है और वहां मौजूद अंतरिक्ष यात्री अपने पेट और आंतों की सेहत को कैसे बनाए रखते हैं.
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अंतरिक्ष में पाचन पर पड़ता है गुरुत्वाकर्षण की कमी का असर
धरती पर हमारा पाचन तंत्र एक प्राकृतिक प्रक्रिया पर काम करता है जिसे पेरिस्टैलसिस कहते हैं. यह एक लहर जैसी मांसपेशियों की गति होती है, जो भोजन को धीरे-धीरे पेट और आंतों में आगे बढ़ाती है. लेकिन अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है.
अंतरिक्ष में गट माइक्रोबायोम में आता है बदलावट
अंतरिक्ष में एक और बड़ी चुनौती होती है गट माइक्रोबायोम यानी हमारे पेट में मौजूद अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन. अलग तरह की डाइट के कारण यह संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण और शरीर की इम्युनिटी प्रभावित हो सकती है.
अंतरिक्ष यात्री कैसे रखते हैं अपनी आंतों को स्वस्थ?
प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स: अंतरिक्ष यात्री अच्छे बैक्टीरिया प्रोबायोटिक्स लेते हैं और ऐसा भोजन करते हैं, जिसमें प्रीबायोटिक्स हो जैसे फाइबर युक्त चीजें.
स्पेशल डाइट: अंतरिक्ष यात्रियों की डाइट खास होती है, जिसमें आंतों को सपोर्ट करने वाले खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं.
गट चेकअप: वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्रियों के गट बैक्टीरिया की नियमित जांच करते हैं और जरूरत के अनुसार डाइट या दवाओं में बदलाव करते हैं.
नियमित एक्सरसाइज: व्यायाम न केवल मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखता है, बल्कि पाचन में भी मदद करता है.
अतिरिक्त विटामिन्स और मिनरल्स: अंतरिक्ष में पोषक तत्वों का अवशोषण कठिन होता है, इसलिए अंतरिक्ष यात्री सप्लिमेंट्स लेते हैं.
स्पेस में जाने से पहले तैयारी: मिशन से पहले ही अंतरिक्ष यात्री अपने पाचन तंत्र की विशेष तैयारी करते हैं, जिससे आगे जाकर समस्याएं कम हों.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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