संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान बारामूला से सांसद इंजीनियर रशीद ने मंगलवार (29 जुलाई) को लोकसभा में अपनी बात रखी. तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर रशीद को कोर्ट से 24 जुलाई से 4 अगस्त तक कस्टडी पैरोल दी गई है ताकि वो संसद सत्र में भाग ले सकें. लोकसभा में उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस से गुजारिश करना चाहूंगा कि पंडित जवाहरलाल नेहरु को लेकर बड़ी बातें की गईं. बेशक वो हमारे पहले प्रधानमंत्री थे. देश आपको 15 अगस्त 1947 को मिला. जिन्ना साहेब हों, नेहरू हों, गांधी जी हों या सरदार पटेल हों. आप इंडिया को यूनाइटेड नहीं रख सके.
हमारे खून का जवाब कौन देगा- रशीद
बारामूला सांसद ने कहा कि बदकिस्मती से आपने अपने देश के तीन हिस्से कर दिए. बांग्लादेश, इंडिया और पाकिस्तान बनाया. कश्मीरियों को क्यों मार रहे हो? मैं पूछना चाहता हूं कि हमारा कसूर क्या है? मैं पूछना चाहता हूं कि हमारे खून का जवाब कौन देगा.
पहलगाम में जो हुआ वो पूरी इंसानियत का कत्ल था
उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो हुआ वो पूरी इंसानियत का कत्ल था. उन्होंने कहा, ”आप कहते हैं कि वहां सबकुछ ठीक है. आप हमें सोशल मीडिया पर कुछ लिखने नहीं देते. लोग जेलों में मर रहे हैं. तीन हजार लोग बंद हैं. ट्रंप के पास मसले का हल नहीं है. कश्मीर मसले का हल जम्मू कश्मीर के लोगों के पास है. मैं डेढ़ लाख रुपया देकर यहां आया, आप मेरे लिए नहीं बोल सके तो आप कश्मीरियों के लिए क्या बोलेंगे?’
यहां हर कोई ट्रंप-ट्रंप कर रहा है- रशीद
उन्होंने आगे कहा, ”मैं आज पूछना चाहता हूं क्या मिलिटेंसी खत्म करनी है? यहां हर कोई ट्रंप-ट्रंप कर रहा है. कश्मीर मसले का हल वहां के हिंदुओं के पास है, वहां के मुसलमानों के पास है. हिंदू राष्ट्र बनाने की बहुत जल्दी है, शौक से बनाओ लेकिन मेरे जम्मू कश्मीर की डेमोग्राफी को टच मत कीजिए. जम्मू कश्मीर के कल्चर के साथ छेड़छाड़ मत कीजिए. पाकिस्तान के साथ जो करना है करो लेकिन हम बीच में क्यों मारे जा रहे हैं?
लाशें उठाते-उठाते हम थक गए- इंजीनियर रशीद
इंजीनियर रशीद ने ये भी कहा, ”हम कश्मीरियों से ज्यादा पहलगाम हमले में मारे गए उन परिवारों का दर्द समझ सकते हैं, क्योंकि हमने 1989 से ऐसे हजारों लोग खो दिए हैं. कश्मीर ने जितनी तबाही देखी है, हमने कब्रिस्तान देखे हैं. लाशें उठाते-उठाते हम थक गए हैं. मैं स्पीकर साहब से कहना चाहता हूं कि आज हर कोई कहता है कि वो मिलिटेंट कहां गए, एलजी साहब क्या कर रहे थे? मैं किसी की वकालत नहीं कर रहा हूं.”
आतंकवाद खत्म कैसे करोगे- इंजीनियर रशीद
संसद में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, ”बॉर्डर पर देखते हैं तो नजर आपकी थकती है, इतना ऊपर बॉर्डर है. किसी को आना जाना हो तो उतना ज्यादा मुश्किल नहीं है. फोर्स शायद उतना कंट्रोल नहीं कर सकती है. आपकी पार्लियामेंट में तो बैठे-बैठे दो लोग नीचे से अंदर घुस आए. कहना ये है कि आतंकवाद खत्म कैसे करोगे?
आपको कश्मीरियों के दिल जीतने होंगे- इंजीनियर रशीद
उन्होंने सवाल किया, ”आप आतंकवादियों से कैसे लड़ोगे. उसके लिए आपको कश्मीरियों के दिल जीतने होंगे. लेकिन कल से मैं सुन रहा हूं. आप में से किसी एक ने भी कश्मीरियों के लिए बात नहीं की. आप को कश्मीर की जमीन चाहिए या कश्मीर के लोग चाहिए. आज सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष को ये डिसाइड करना होगा.”
जेल से निकले इंजीनियर रशीद का लोकसभा में भाषण, गांधी, नेहरू, जिन्ना और पटेल का जिक्र कर क्या बोले?
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