Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक ऐसे फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है जो बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था. इस गैंग ने ट्रेजर फाइंड सॉल्यूशन नाम की फर्जी भर्ती एजेंसी बनाकर न केवल दिल्ली बल्कि अन्य राज्यों के कई युवाओं को अपना शिकार बनाया.
इस साइबर एनेबल्ड फ्रॉड केस में मुख्य आरोपी राहुल को दिल्ली पुलिस ने हरियाणा के बहादुरगढ़ से गिरफ्तार किया गया है जबकि उसकी पत्नी और जो इस मामले में शामिल है पुलिस के मुताबिक अभी फरार है.
ऐसे बनाते थे अपना शिकार दिल्ली के शाहदरा का रहने वाला एक युवक यूट्यूब पर ‘जॉब है’ नाम की एक नौकरी से जुड़े एड के विज्ञापन से प्रभावित होकर उसमें रजिस्टर हुआ. कुछ ही देर बाद उसे एचआर कमल नाम के व्यक्ति का व्हाट्सएप मैसेज आया, जिसने उसे लक्ष्मी नगर के पास वॉक-इन इंटरव्यू के लिए बुलाया. झूठे आश्वासनों और दस्तावेजी औपचारिकताओं के नाम पर युवक से नौ हजार की ठगी की गई जो उसने फोन पे के माध्यम से अलग क्यूआर कोड पर भेजे. पैसे भेजने के बाद जब युवक ने और राशि देने से इनकार किया तो उसे ब्लॉक कर दिया गया.
दिल्ली पुलिस ने ऐसे किया ट्रैक जब दिल्ली पुलिस से इस मामले में शिकायत की गई तो दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक टीम का गठन कर जांच को आगे बढ़ाया. तकनीकी सर्विलांस, मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग और बैंक अकाउंट के जरिए दिल्ली पुलिस की टीम आरोपी तक पहुंची . आरोपी राहुल और उसकी पत्नी ने निर्माण विहार में ऑफिस किराए पर लिया था और वहां फर्जी भर्ती ड्राइव चला रहे थे. दिल्ली पुलिस ने आरोपी के मोबाइल से नौकरी से जुड़ी संवेदनशील जानकारी और ऑफिस से 100 से अधिक उम्मीदवारों के रिज्यूमे, आधार कार्ड की कॉपी और मूल दस्तावेज बरामद किया है.
पूछताछ में अहम खुलासादिल्ली पुलिस ने जब आरोपी राहुल से इस मामले में पूछताछ की तो उन्हें पता चला कि वह साल 2011 से इस ठगी के धंधे में शामिल है और अब तक सैकड़ों बेरोजगार युवाओं से ठगी कर चुका है. उसकी पत्नी जो इस नेटवर्क में पूरी तरीके से शामिल है वो अभी फरार है. दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है.
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