कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार (09 जुलाई, 2025) को वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि जो 2024 के चुनावों में महाराष्ट्र में हुआ, उसे बिहार में नहीं करने देंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार इस साल के अंत में होने वाले बिहार चुनावों में भी ‘धांधली’ करना चाहती है.
राहुल गांधी ने बिहार में INDIA ब्लॉक के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा और राजग को लाभ पहुंचाने के लिए धांधली की गई थी. वे बिहार में भी इसे दोहराना चाहते हैं, जो हम होने नहीं देंगे.’
मतदाता सूची में हेराफेरी करने का लगाया आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि विशेष गहन पुनरीक्षण, मतदाता सूची में हेराफेरी करने के ‘महाराष्ट्र मॉडल’ का विस्तार है और इससे न केवल लोगों के वोट देने के अधिकार को, बल्कि उनके पूरे भविष्य को हथिया लिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘निर्वाचन आयोग को संविधान की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन वह भाजपा के निर्देशों पर काम कर रहा है. इन निर्वाचन आयुक्तों को भाजपा ने ही नामित किया है. मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण चुनावी चोरी का एक प्रयास है. हम निर्वाचन आयोग को मतदाताओं, खासकर युवाओं का अधिकार छीनने नहीं देंगे.’
पटना में राहुल गांधी के साथ ये प्रमुख नेता भी शामिल
लोकसभा में विपक्ष के नेता सुबह राज्य की राजधानी पटना पहुंचे. उनके साथ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा और अन्य विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता भी थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग में भाजपा द्वारा नामित लोग शामिल हैं और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य सत्तारूढ़ पार्टी की सेवा करना है.
निर्वाचन आयोग के सदस्यों के चयन से किया गया बाहर
राहुल गांधी राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए यहां आए. यह प्रदर्शन चार नयी श्रम संहिताओं के खिलाफ श्रमिक संगठनों की तरफ से आहूत राष्ट्रव्यापी ‘चक्का जाम’ का हिस्सा है. देशव्यापी हड़ताल के तहत बिहार में किए जा रहे विरोध प्रदर्शन में मतदाता सूची पुनरीक्षण का मुद्दा भी जोड़ा गया है.
अपनी शैली में संविधान की लाल प्रति लिए राहुल गांधी ने कहा, ‘निर्वाचन आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भाषा बोल रहा है. पहले निर्वाचन आयोग के सदस्यों के चयन में भारत के चीफ जस्टिस और विपक्ष के नेता शामिल होते थे, लेकिन अब हमें इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है और भाजपा की ओर से नामित निर्वाचन आयुक्तों के नामों वाला एक कागज थमा दिया गया.’
महाराष्ट्र मॉडल का किया था पर्दाफाश
लोकसभा में नेता विपक्ष ने महाराष्ट्र की मतदाता सूची में कथित तौर पर ‘फर्जी मतदाताओं’ के नाम जोड़े जाने की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘हम ‘महाराष्ट्र मॉडल’ का पहले ही पर्दाफाश कर चुके हैं. महाराष्ट्र में भाजपा नीत गठबंधन ने पिछले साल विधानसभा चुनावों में भारी जीत हासिल की थी, जबकि कुछ महीने पहले ही लोकसभा चुनावों में उसका निराशाजनक प्रदर्शन रहा था.’
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘महाराष्ट्र की मतदाता सूची में भारी विसंगतियां पाई गईं, जहां हजारों मतदाताओं को एक ही घर का निवासी दिखाया गया. जब हमने इन विसंगतियों को उजागर किया तो निर्वाचन आयोग ने हमारे साथ विवरण साझा करने से इनकार कर दिया और वह भाजपा, आरएसएस की भाषा बोलता रहा.’
कई मतदाताओं के नाम हटाने की साजिश
गांधी ने कहा, ‘उन्हें याद रखना चाहिए कि वे यहां जनता की सेवा के लिए हैं, भाजपा की सेवा करने के लिए नहीं. वे महाराष्ट्र मॉडल को कहीं और भी दोहराना चाहते हैं. इस बार वे कई मतदाताओं के नाम हटाने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि यह बिहार है. यहां के लोग उनकी साजिशों को देख सकते हैं.’
रेल और सड़क यातायात हुई बाधित
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में महागठबंधन की ओर से आहूत राज्यव्यापी बंद के मद्देनजर विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के सड़कों पर उतरने से राज्य के कई हिस्सों में रेल और सड़क यातायात बुधवार को बाधित हो गया. विपक्षी दलों के नेताओं ने पटना के महात्मा गांधी सेतु पर टायर जलाकर सड़क यातायात बाधित किया.
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