हरियाणा के झज्जर जिले के तीन गांवों में तीन साल की देरी के बाद अब पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं। जिले के तीनों गांवों में 15 जून को वोटिंग की जाएगी। तीनों गांवों को जोड़कर नगर पालिका बनाई गई थी जिसको करीब 8 महीने के बाद ही खत्म कर दिया गया था। तीन में से एक गांव भाजपा सरकार के मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा का भी शामिल है। जिले के बादली हल्के के तीन गांव, बादली, पाहसौर और एम पी माजरा तीनों में अब आम चुनाव से तीन साल की देरी से किए जा रहे हैं। काफी लंबे समय के इंतजार के बाद गांव के लोगों को उनका सरपंच चुनने का मौका मिल रहा है। वहीं काफी समय से गांवों विकास कार्यों में भी बाधाएं आ रही थी जो कि अब सरपंच बनने के बाद गांव के कार्यों में बढ़ौतरी होगी। नगर पालिका बनने को लेकर रुका था चुनाव दरअसल बादली हल्के का सबसे बड़ा गांव है और घनी आबादी क्षेत्र और विधानसभा होने के चलते फरवरी 2022 में दो गांव पाहसौर और एमपी माजरा को जोड़कर इसे नगर पालिका बना दिया गया था। लेकिन ग्रामीण इस बात से खुश नहीं थे और इसका विरोध भी हुआ। पालिका बनने के बाद वहां चुनाव संभव नहीं हो सके और पालिका अक्तूबर 2022 में खत्म कर दिया गया। अब गांवों में आम चुनाव कराए जा रहे हैं। तीनों गांवों में 13 उम्मीदवार मैदान में
जिले के बादली हल्के के तीन गांवों में हो आम चुनाव में कुल 13 उम्मीदवार सरपंच पद के लिए मैदान में हैं। गांव बादली में 5 उम्मीदवार, पाहसौर में भी 5 ही उम्मीदवार और एमपी माजरा गांव में तीन उम्मीदवार सरपंच पद के लिए मैदान में हैं। 15 जून को गांवों में वोटिंग की जाएगी और उसी दिन गांव को सरपंच भी मिल जाएगा। मंत्री के गांव में भी चुनाव
भाजपा सरकार में मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा का पैतृक गांव झज्जर जिले में पड़ता है। उनके गांव एमपी माजरा में भी पंचायत के चुनाव अटके पड़े थे जो कि लंबे इंतजार के बाद गांव में चुनाव कराए जा रहे हैं।
झज्जर के तीन गांवों में 15 जून को चुनाव:तीन साल देरी से हुए, पालिका बनाने को लेकर रुके थे चुनाव
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