झज्जर पुलिस ने 23 साल से फरार चल रहे हत्या के दो आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। आरोपियों ने अपने दोस्त को आपसी कहासुनी के दौरान मौत के घाट उतार दिया था। वहीं झज्जर पुलिस कमिश्नर की ओर से 2024 में आरोपी पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी तेईस साल से फरार रहकर ठिकाने बदलते रहे और पुलिस की आंखों में धूल झोंकते रहे। झज्जर पुलिस की स्पेशल स्टाफ और थाना आसौदा की संयुक्त टीम ने बिहार से पांच-पांच हजार के इनामी दो हत्यारोपियों को दबोच लिया। इनकी गिरफ्तारी के साथ ही 2002 का एक मर्डर केस सुलझ गया है। 2002 में की थी दोस्त की हत्या
मामला जुलाई 2002 का है। बिहार मूल का आज़ाद अपने भाई मोहम्मद आरिफ के साथ आसौदा गांव में रहकर चिनाई मिस्त्री का काम करता था। आजाद के कमरे में गांव के ही मुन्नू और नजीर भी रहते तथा मजदूरी करते थे। उस दौरान मजदूरी के पैसों को लेकर आज़ाद और दोनों साथियों में तीखी कहासुनी हुई थी। उसी विवाद ने खून का रूप ले लिया। आज़ाद का शव गली में पड़ा मिला, गले पर गहरा कट का निशान था और कमरे में चारपाई पर खून बिखरा था। वारदात के बाद मुन्नू और नजीर फरार हो गए। 22 साल बाद पुलिस ने रखा इनाम
21 जुलाई 2002 को आजाद के भाई आरिफ की शिकायत पर सदर थाना बहादुरगढ़ पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया लेकिन काफी तलाश के बावजूद आरोपी हाथ नहीं आए। फिर दिसंबर 2002 में अदालत ने दोनों को पीओ घोषित कर दिया। फिर 22 साल बाद 2024 में झज्जर पुलिस कमिश्नर ने उन पर 5-5 हजार रुपए का इनाम रख दिया। पुलिस ने आरोपी नजीर को उसके गांव से पकड़ा। इसके बाद दूसरे आरोपी मानवीर उर्फ़ मन्नू निवासी भमेट जिला पूर्णिया बिहार को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। मंगलवार को अदालत में पेश कर आरोपियों को जेल में भेज दिया गया है।
झज्जर पुलिस ने पकड़ा 5 हजार के इनामी हत्या आरोपी:23 साल बाद आए काबू, दोस्त की हत्या कर हुए थे फरार
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