झज्जर में कर्मचारी संगठनों ने दिया धरना:बोले, कितने भी तानाशाही फरमान सरकार जारी करले, झुकने वाले नहीं

by Carbonmedia
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ट्रेड यूनियनों के आहवान पर पूरे देश में हुई राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान झज्जर में कर्मचारियों ने एकजुटता का परिचय देते हुए यहां धरना भी दिया और सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। यहां झज्जर की अनाज मंडी में अनेक विभागों के कर्मचारी एकत्रित हुए और अपने सम्बोधन में सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली। कर्मचारी नेताओं का कहना था कि वैसे तो हर विभाग के कर्मचारियों की अपनी अलग-अलग समस्या है,लेकिन यहां इक्ट्ठा होकर कर्मचारी सरकार को यह बताना चाहते है कि समस्याएं बेशक सभी अलग-अलग है,लेकिन अपनी मांगों को मनवाने में वह सभी एकजुट होकर सरकार के खिलाफ खुल्लम खुल्ला विरोध का बिगुल बजा रहे है। लेबर कोड कानून का करेंगे विरोध उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारी विरोधी नीति अपनाते हुए एक लेबर कोड का नया कानून लाने जा रही है जिसका सभी डटकर विराेध करेंगे और उसे किसी भी सूरत में लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पहले भी देश में नए तीन कृषि काले कानून लेकर आई थी उसे भी सरकार को किसानों और आमजन के विरोध के चलते वापिस लेना पड़ा था। कर्मचारी संगठनों ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी लेकिन अब सरकार दोबारा से इस प्रकार का काला कानून लाकर अपनी हठधर्मिता अपना रही है ,जिसका मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि आज की उनकी हड़ताल सांकेतिक हड़ताल है, लेकिन यदि सरकार का ऐसा ही रवैया रहा तो फिर हड़ताल को प्रदेश स्तर पर बढ़ाया जा सकता है। मांगे पूरी होने तक रहेगा विरोध उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की वहीं पुरानी मांग है और वह मांग है प्रदेश की विभिन्न सरकारी विभागों में खाली पड़े रिक्त पदों पर स्थाई भर्ती,अस्थाई कर्मचारियों को पक्का करने और ठेका प्रथा बंद करना है। सरकार जब तक उनकी यह मांगें नहीं मान लेती सरकार के खिलाफ उनका विरोध इसी तरह से जारी रहेगा।

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