झज्जर में गांव का नाम बदला:जनवरी में पंचायत ने दिया था रेजुलेशन, आज हुआ बदलाव

by Carbonmedia
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हरियाणा सरकार की ओर से प्रदेश में आज दो गावों के नामों को बदला गया है जिनमें से एक नाम झज्जर जिले के एक गांव का नाम भी शामिल है। जिले में बदला गया नाम मुस्लिम समाज पर आधारित होने के कारण गांव में ग्राम सभा बुलाई गई और पंचायत और ग्रामीणों की सर्वसम्मति से गांव का नाम बदलवाने की कवायद आगे बढ़ाई गई और गांव में ग्राम सभा कर ग्रामीणों से इजाजत के बाद प्रस्ताव दिया गया था। जिस पर आज सरकार ने मुहर लगा दी है। झज्जर जिले के गांव छुछकवास काे अब इसी नाम से पुकारा जाएगा और कागजों में भी छुछकवास से ही जाना जाएगा। पहले इस गांव का नाम इस्लामगढ़ था। सैकड़ों साल पहले यह गांव बसा था। छुछकवास गांव एक कस्बे की तरह बसा हुआ है और यहां पर बाजार भी लगता है। गांव का इस्लाम गढ़ से नाम बदलवाने के लिए 27 जनवरी 2025 को गांव की सहमति से प्रस्ताव सरकार के नाम बीडीपीओ को भेजा गया था। छुछकवास आसपास के गांवों के लिए कस्बा बाजार छुछकवास गांव में प्रतिदिन हजारों की संख्या में बाहरी लोग आते हैं। छुछकवास गांव में करीब 40 गांवों से प्रतिदिन लोगों का आवागमन रहता है। छुछकवास में हजारों की संख्या में लोग आते हैं । इस गांव में लगने वाले बाजार में आसपास के कई गांवों के ग्रामीणों का आना जाना होता है। वहीं छुछकवास गांव का नाम बदलते ही गांव के सरपंच के पास लोगों के बधाई के मैसेज आने लगे हैं। गांव का नाम बदलने पर छुछकवास गांव के सरपंच महाबीर यादव ने सरकार का आभार व्यक्त किया है। मुस्लिम नाम होने के कारण बदलवाया सरपंच महाबीर यादव ने बताया कि सैकड़ों वर्षों पहले बसे इस गांव का नाम इस्लामगढ़ था उसके बावजूद लोग छुछकवास के नाम से ही ज्यादा जानते हैं। वहीं इस्लाम गढ़ नाम मुस्लिम होने के कारण गांव ही नहीं बल्कि आस पास के गांव के लोगों को पसंद नहीं था। सरपंच ने बताया कि गांव में कार्यक्रम के लिए जब न्योता देने जाते थे तो लोग कहते थे कि गांव का नाम बदलवा लो। वहीं सरपंच ने बताया कि कई वर्षों से यहां ट्राली बनाने का काम किया जाता है जिसके कारण यहां दूसरे राज्यों से आते हैं और वे भी उनको बोलते थे कि नाम बदलवा लीजिए। गांव की सहमति से भेजा था प्रस्ताव वहीं उसके बाद गांव में एक ग्राम सभा बुलाई गई और गांव के लोगों के सामने इस बात को रखा गया तो सभी ने इस बात पर सहमति जताई और गांव का नाम बदलवाने के लिए जोर दिया गया। उसके बाद गांव की पंचायत की सहमति से एक रेजुलेशन तैयार किया गया जिसमें सभी ग्राम मेंबरों ने अपने हस्ताक्षर किए और प्रस्ताव को मातनहेल बीडीपीओ को भेज दिया गया था। आज सरकार की ओर से गांव का नाम बदलने पर आसपास के ग्रामीणों को भी खुशी होगी।

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