झज्जर में ड्रेन से खतरा, भिंडावास के पुल में लीकेज:पुल के ऊपर से बहने से रोका, दोनों तरफ से रास्ता किया ब्लॉक

by Carbonmedia
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झज्जर जिले के गांवों से होकर गुजरने वाली ड्रेन लोगों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है। इस बार की मानसून में अत्यधिक बारिश ने लोगों को डर के माहौल में जीने को मजबूर कर दिया है। जिले के गांव भिंडावास में तो ड्रेन पुल के पर से बहने लगी थी जिसके कारण अब पुल को दोनों तरफ से ब्लॉक कर दिया गया है। रास्ते को ब्लॉक करने के बाद वहां से सिर्फ पैदल यात्री ही निकल सकते हैं। वहीं ड्रेन के भिंडावास पुल में नीचे से पुल में पानी की लीकेज भी है। गांव के लोग भय के साए में हैं। दरअसल गांव भिंडावास से गुजरने वाली ड्रेन पर बना पुर बांधों से नीचा है जो कि गांव से कहीं ऊंचाई पर है और पुल में नीचे से पानी का रिसाव भी हो रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि इस बार जितना पानी ड्रेन में आया है उन्होंने कभी इसमें इतना पानी नहीं देखा और न ही कभी इतना खतरा देखा था। 62 साल की बुजुर्ग महिला ने बताया कि वह इसी नहर से पशुओं के लिए चारा लाती थी और तब तो इस पर पुल भी नहीं बा था। इस पर गांव में 1998 में पुल बनाया गया था। वहीं महिला ने बताया कि इस नहर में 3 फुट पानी से होकर गांव के लोग निकलते थे। पानी कम होने की संभावना ई एक्स ई एन पुनीत कुमार ने बताया कि आज तक जलस्तर ड्रेन का बढ़ा है लेकिन अब पानी का कम होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि रोहतक की तरफ से बड़ स्तर पर छोड़े जा रहे पानी को बंद करा दिा गया है। इससे पानी कम होने की उम्मीद है। पानी से होकर गुजरते थे, ग्रामीण गांव के महिलाओं और पुरुषों ने बताया कि इ ड्रेन से कभी नहीं डरे इसमें पानी से होकर दूसरी तरफ जाते थे लेकिन इस बार इतना पानी देखकर उनकी रातों की नींद उड़ गई है। नहर पर दिन रात रखवाली करनी पड़ रही है, रात को ठीकरी पहरा दे रहे हैं। लोगों ने बताया कि ड्रेन का पुल इतना नीचा है कि पुल के दोनों तरफ से पानी के तेज बहाव के कारण कटाव होना शुरू हो गया था। दो से तीन बार इके किनारों पर मिट्‌टी लगाने के बाद भी पानी के बहाव से कटाव हो गया था। दोनों तरफ से पुल ब्लॉक अब नहर को टूटने से बचाने के लिए इस पुल के रास्ते को ही ब्लॉक किया गया है। ताकि पानी का बहाव सीधा रहे और गांव के लोग सुरक्षित रहें। इस बार के मानसून में हुई बारिश लोगों के लिए आफत बनी हुई है। झज्जर जिले के गुजरने वाली ड्रेन में डेंजर लेवल से अधिक पानी बह हा है। जिसके कारण कई गावों से ड्रेन ओवर फ्लो हे चुकी है। जिसे गांव के ही लोगों ने मिट्‌टी से रोका और गावों को डूबने से बचाया है। जिले के गांव भिडावास से भी ड्रेन गुजरती है और वहीं भिंडावास झील भी का अधिक पानी भी इसी ड्रेन में गिरता है। ड्रेन में इस बार आए पानी ने सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ठीकरी पहरा लगा कर रखवाली हरियाणा में बाढ़ व खेतों और गावों के अत्यधिक पानी की निकासी के लिए ड्रेन नंब 8 का प्रयोग किया जाता है। जिसमें आज बरसात का पानी लोगों के लिए डर का माहौल बना हुआ है। जिले के करीब 30 से अधिक गावों के लोग डर के साए में जी रहे हैं। रात को दर्जन भर से अधिक लोग इन गावों में ठीकरी पहरा लगा रहे हैं। दिन में भी लोगों को ड्रेन पर पहरा देना पड़ रहा है। फिलहाल ड्रेन नंबर 8 में कैपेसिटी से कई अधिक पानी बह रहा है। ड्रेन की कैपेसिटी 4 हजार क्यूसेक है और फिलहाल ड्रेन से करीब 6900 क्यूसेक पानी बह रहा है। NSL के तहत बने हैं ड्रेन बांध जिले के 30 गावों से होकर गुजरने वाली ड्रेन आज लोगों के लिए भयावह बनी हुई है। ड्रेन पर कई जगह पर बांध एक तरफ से नीचे बने हुए हैं। जिसके कारण किसानों के खेतों में ड्रेन ओवर फ्लो हो जाती है। ड्रेन में बांध NSL के तहत बनाए गए हैं। ताकि ड्रेन में खेतों का अधिक पानी आसानी से छोड़ा जा सके। ड्रेन में ज्यादा पानी होने के कारण लोग रातों को जग कर रखवाली कर रहे हैं। कलोई में टूट चुकी ड्रेन सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न कलोई गांव से होकर भी यह ड्रेन गुजरती है और वहां कलोई गांव में भी एक तरफ का बांध NSL के तहत नीचा है जिसके कारण वहां पर 2 सितंबर को गांव के पास से दो जगहों से ड्रेन मेंओवर फ्लो शुरू हुआ और कटाव से ड्रेन खेतों की ओर टूट गई थी। जिसमें से एक तरफ के कटाव को कर्मचारियों ने जोड़ दिया है। वहीं दूसरी तरफ के कटाव को जोड़ने के लिए कर्मचारी काम में लगे हुए हैं। गांव कलोई में ड्रेन टूटने के कारण सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। सिलानी गांव से भी सरफेस लेवल पर ओवर फ्लो हुई ड्रेन ड्रेन नंबर 8 झज्जर जिले के गांव सिलानी से होकर भी गुजरती है वहां भी NSL के तहत क तरफ का बांध नीचा बना हुआ है। वहीं गांव की ओर का बांध ऊंचा बना हुआ है। इस बार ज्यादा पानी आने के कारण नीचे बांध की ओर से ड्रेन का पानी ओवर फ्लो होने लगा था। गांव के लोगों ने ड्रेन के पानी को रोकने के लिए मिट़्टी के कट्‌टे भरे और नीचे बांध से ओवर फ्लो को रोका। वहीं गांव की ओर भी थोड़ा सा रिसाव लगा तो उसे भी क्रेन की मदद से मिट्‌टी डालकर बंद किया गया। वहीं गांव सिलानी में भी लोग ड्रेन पर रखवाली कर रहे हैं। सुरेहती गांव में मिट्‌टी के कट्‌टों से रोका बहाव वहीं इसके अलावा कई गावों जैसे सुरेहती गांव में भी ड्रेन से गांव की ओर ओवर फ्लो होने लगा था जिसे बाद कर्मचारियों द्वारा बीते दिन मिट्‌टी से भरकर कट्‌टों की मदद से बंद किया गया है। उस गांव में एक तरफ का बांध नीचा है। वहीं जिले के गांव फतेहपुरी के सरपंच ईश्वर ने बताया कि उनके गांव में ड्रेन पर बने घाट से ओवर फ्लो होने लगा था जिसे क्रेन क मदद से मिट्‌टी डलवाई गई और उसे रोका गया है। मारौत में भी लगाया जा रहा ठीकरी पहरा वहीं गांव मारौत में भी पानी निकासी के लिए लगी पाइप से दो बार ड्रेन से रिसाव शुरू होने से सुराक खुल गया था जिसे ग्रामीणों ने मिलकर रोका। लेकिन आज भी गांव के लोगों की एक रात में दो दर्जन से भी अधिक की ड्यूटी नहर पर रहती है ताकि कहीं से कोई खतरे का अंश दिखे तो उससे संभला जा सके। लहाल ड्रेन में डेंजर लेवल से कीं अधिक पानी बह रहा है। लोगों के मन में साल 1977 की बाढ़ का समय याद आने लगा है कि कैसे उन्होंने बाढ़ को देखा और उस समय को बिताया था।

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