हरियाणा के झज्जर जिले में प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से सख्ती दिखाना शुरू कर दिया गया है। जल, थल और वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण विभाग काफी गंभीर हो गया है। लगातार ऐसी स्थलों का निरीक्षण किया जा रहा है जहां से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने नगर परिषद के साथ साथ एच एस आईआईडीसी को भी साॅलिड वेस्ट जलाने और वायु प्रदूषण को लेकर नोटिस जारी किए हैं। पहले भी इन विभागों को नोटिस देकर प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से जुर्माना लगाया जा चुका है। अब एक बार फिर से एन्वायरमेंट कंपनशेसन के तहत जुर्माना लगाए जाने की तैयारी की जा रही है। चार फैक्ट्रियों को भी इसी वजह से नोटिस दिए गए हैं। नालों में वेस्ट डलवाने के लिए सेप्टिक टैंक का रजिस्ट्रेशन जरूरी प्रदूषण नियंत्रण विभाग के रीजनल अधिकारी शैलेन्द्र अरोड़ा ने बताया कि विभाग ने नगर परिषद, एच एस आईआईडीसी और पंचायत विभाग को पत्र लिखकर वेस्ट को नालों के जरिए सीधा ड्रेन में न डालने का कहा है। उन्होंने कहा कि वेस्ट के नालों को बंद करवाने को कहा गया है । ऐसा नहीं करने पर विभाग की ओर से सख्त कार्यवाही भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में जहां एसटीपी नही है वहां के लिए पंचायत विभाग को कहा है कि सेप्टिक टैंक के जरिए डोमेस्टिक वेस्ट को नजदीकी एसटीपी में डलवाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए सेप्टिक टैंक का रजिस्ट्रेशन जरूरी है। एक महीने में शुरू हो जाएगा मुंगेशपुर ड्रेन प्रोजेक्ट शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि अनोपचारित वेस्ट सीधा ड्रेन में डाले जाने से ड्रेन का पानी काफी प्रदूषित हो गया है। इसके लिए भी नैनो बबल टैक्नोलाॅजी का एक प्रोजेक्ट रिसर्च के लिए शुरू किया जा रहा है। एमआईई के साथ लगती मुंगेशपुर ड्रेन पर ये प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है जिसकी शुरूवात एक महीने में हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट का मकसद ड्रेन के प्रदूषित पानी में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाना है ।
झज्जर में प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्त नियंत्रण विभाग:नप और पंचायत विभाग को नोटिस, पानी को सीधा ड्रेन में डालना प्रतिबंधित
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