झज्जर में 6 करोड़ की पाईप दबी, पानी निकासी नहीं:नहर में डालने के लिए लिफ्टिंग पंप का काम अधूरा, ग्रामीण डीसी से मिले

by Carbonmedia
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हरियाणा के झज्जर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव के कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई। मानसून आने के बाद जिले के गांव सफीपुर में बरसात का पानी किसानों के लिए समस्या का अंबार बन गया है। गांव के खेतों में जलभराव की निकासी के दो साल पहले 6 करोड़ रुपए की लागत से गोधड़ी गांव से गुजरने वाली नहर तक पाईप लाईन बिछाई गई थी। एक साल के बाद पाईप को काटने के बाद से गांव के खेतों में जलभराव हो रहा है। जिले के गांव सफीपुर के ग्रामीण आज गुरुवार को खेतों में जलभराव की समस्या को लेकर डीसी से मिलने पहुंचे और पानी निकासी की व्यवस्था की गुहार लगाई है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बरसात के दिनों में खेतों में जलभराव हो जाता है जिसके कारण सारी फसल बर्बाद हो जाती है। वहीं पिछले साल मोटर के कारण जलभराव की स्थिति नहीं थी। डीसी बोले दो दिन में होगा समाधान गांव सफीपुर के सरपंच के साथ ग्रामीण डीसी रविंद्र स्वप्निल पाटिल से मिले हैं। वहीं डीसी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि पानी निकासी का समाधान दो दिन में कर दिया जाएगा। वहीं गांव के सरपंच संदीप ने बताया कि गांव में फसल बर्बाद हो रही है। पानी निकासी के लिए गांव के पास से कोई भी नहर नहीं गुजरती जिसके चलते दूसरे गांव से गुजरने वाली नहर में खेतों का पानी डालने के लिए साल पहले करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से पाईप लाईन बिछाई गई थी। पानी लिफ्टिंग नहीं तो काट दी पाईप उन्होंने कहा कि पाईप लाईन तो बिछा दी गई लेकिन पानी की निकासी के आज भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर ग्रामीण काटने को मजबूर हैं। वहीं उन्होंने बताया नहर की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण पानी लिफ्टिंग के लिए नहर के पास पंप हाउस बनाने की बात कहकर नहर के किनारे से पाईप को काट दिया गया। पाईप को लिफ्टिंग पंप बनाने के नाम पर काटा गया था लेकिन आज तक वहां पर लिफ्टिंग पंप का कार्य पूरा नहीं किया गया है और गांव के खेतों में जलभराव है। लिफ्टिंग पंप के लिए लग चुका है टेंडर सरपंच संदीप ने बताया कि ठेकेदार ने पिछले साल ही नहर के पास पंप हाउस बनाने के लिए 14 लाख रुपए टेंडर होने के बाद काम को अधूरा छोड़ा हुआ है और अभी तक वहां पर लिफ्टिंग के लिए मोटर और पंप नहीं लगाया गया। वहीं उन्होंने बताया कि नहर के बांध की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण कई बार पीछे से पाईप लीक हो जाती थी जिसके कारण पंप हाउस बनाने के लिए मोटर को हटाया गया लेकिन टेंडर पास होने के एक साल बाद भी वहां पर मोटर और पंप नहीं लगाया गया है।

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