शहर की सफाई व्यवस्था को जिम्मेदारी से निभाने वाले सफाई कर्मचारियों ने आज मंगलवार को सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों ने काले झंडे, उल्टी झाड़ू और नाराजगी भरे नारों के साथ विरोध प्रदर्शन किया है। कर्मचारियों का यह प्रदर्शन सिर्फ नाराजगी नहीं, बल्कि सरकार को चेतावनी भी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द गौर नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने का जो नया आदेश लागू किया गया है, वह कर्मचारियों की निजता का उल्लंघन है। सफाई कर्मचारियों ने कहा कि मोबाइल फोन उनकी निजी संपत्ति है और हर समय ऐप के जरिए लोकेशन ट्रेस किया जाना न केवल असुविधाजनक है, बल्कि असम्मान जनक भी है। कर्मचारियों ने दो मुख्य मांगें दोहराई पहली, वर्षों से सेवा दे रहे अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए और दूसरी, पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू किया जाए। उनका कहना है कि जब अन्य विभागों में यह मांग मानी जा रही है, तो सफाई कर्मचारी इससे क्यों वंचित रहे। कर्मचारियों ने शहर में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए उनकी ड्यूटी लगाए जाने का भी विरोध किया। प्रधान शिवम चावरिया ने कहा, “हमारी जिम्मेदारी सफाई करना है, न कि नालों से पानी निकालना। यह काम सिंचाई विभाग या नगर निकाय की विशेष टीमों का है। सफाई कर्मचारियों पर हर तरह की जिम्मेदारी थोपना अन्याय है। मांगे नहीं मानी तो होगा राज्य व्यापी आंदोलन
सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान शिवम चावरिया ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “यदि सरकार ने जल्द ही हमारी मांगों को नहीं माना, तो हम राज्यव्यापी आंदोलन की ओर बढ़ेंगे। यह सिर्फ झज्जर तक सीमित नहीं रहेगा। कर्मचारियों के इस संगठित और आक्रामक विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासनिक स्तर पर हलचल देखी गई है। नगर परिषद और जिला प्रशासन ने फिलहाल इस मसले पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार कर्मचारियों की मांगों पर विचार करती है या आंदोलन और तेज होगा।
झज्जर सफाई कर्मचारियों ने काले झंडे दिखा किया विरोध:ऑन लाइन हाजरी लगवाने के आदेश से खफा, शहर भर में प्रदर्शन कर जताया विरोध
2