झारखंड के गिरिडीह में धर्मांतरण का बड़ा खेल, पिछड़ी जाति के 40 लोगों ने अपनाया ईसाई धर्म, जानें क्या है मामला?

by Carbonmedia
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Conversion In Giridih: झारखंड के गिरिडीह जिले के बरतल्ला गांव से धर्म परिवर्तन का बड़ा मामला सामने आया है. इस मामले की शुरुआत करीब 10 साल पहले एक शख्स द्वारा हिंदू धर्म को छोड़कर क्रिश्चियन धर्म लेने के साथ हुई थी. उसके बाद देखते ही देखते 40 लोग उसके कहने पर क्रिश्चियन बन गए. अब इस बात को लेकर बरतल्ला गांव पूरे जिले में सुर्खियों में है. 


गिरिडीह जिले के बरतल्ला गांव की आबादी लगभग 500 लोगों की है. इनमें से 40 लोगों हिंदू धर्म छोड़कर क्रिश्चियन बन चुके हैं. बताया गया है कि यहां पर लोग हिंदू धर्म छोड़कर क्रिश्चियन धर्म इसलिए अपना रहे हैं क्योंकि उन्हें मानसिक और शारीरिक लाभ मिल रहा है. 


प्रेयर के बाद बीमारी ठीक होने का दावा 


ईसा मसीह का प्रेयर करने के बाद लोगों की बीमारियां ठीक हो जा रही है, जिससे प्रेरित होकर लोग धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. सबसे पहले यहां एक आदमी ने धर्म परिवर्तन किया था, जिसके बाद एक-दूसरे से प्रभावित होकर लोग हिंदू धर्म छोड़ते गए और क्रिश्चियन धर्म अपनाते गए. गांव में लगभग 40 लोग धर्म परिवर्तन कर चुके हैं. 


गिरिडीह के बरतल्ला गांव में सबसे पहले किशोरी भूला हिंदू धर्म छोड़कर क्रिश्चियन धर्म अपनाया. उसका कहना है, “जब तक हम हिंदू धर्म में थे, तब तक कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. जब से क्रिश्चियन धर्म में शामिल हुए, तब से लगातार फायदा हो रहा है.” 


पादरी देते हैं धार्मिक ज्ञान- किशोरी भूला


किशोरी भूला आगे बताया, “हिंदू धर्म त्यागते हुए लगभग एक दशक हो गया है. अब मैं रिश्तेदारों को भी क्रिश्चियन धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा हूं. यहां पर हर रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है, जिसमें क्रिश्चियन समुदाय के पादरी आते हैं. लोगों को धार्मिक ज्ञान देते हैं.” 


किशोरी भूला ने 2018 में क्रिश्चियन धर्म अपनाया था. उसके बाद किशोरी भूला ने अपने ससुराल के कई सदस्यों को क्रिश्चियन धर्म से जोड़ा. देखते ही देखते यह कारवां लगातार बढ़ते जा रहा है. इस बात का जिक्र कर दें कि बरतला गांव दलित और आदिवासी बहुल गांव है. इस गांव से लगातार धर्म परिवर्तन के मामले सामने आ रहे हैं.  


क्रिश्चियन धर्म अपनाने वालों ने हिंदू परंपरा का कर दिया त्याग


बरतल्ला गांव में हिंदू आबादी द्वारा लगातार क्रिश्चियन धर्म अपनाना चिंता का विषय बना हुआ है. जिन लोगों ने क्रिश्चियन धर्म अपनाया उन्होंने हिंदू परंपरा को त्याग दिया. देवी देवताओं का पूजा करना छोड़ दिया है. प्रसाद ग्रहण करना छोड़ दिया. इतना ही नहीं, शादी समारोह में भी नहीं शामिल होते हैं.


(पंचानंद राय की रिपोर्ट)

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