झालावाड़ हादसे के बाद जागी राजस्थान की भजनलाल सरकार, स्कूलों को लेकर उठाया ये बड़ा कदम

by Carbonmedia
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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर राज्य सरकार ने राजकीय स्कूलों, छात्रावासों, कॉलेजों, अस्पतालों, अन्य राजकीय भवनों, सड़कों और पुलिया की सुरक्षा समीक्षा के लिए विशेष स्थायी समिति गठित की है.
ये कमेटी हर साल 15 जून से पहले असुरक्षित भवनों और पुलों का मरम्मत कार्य पूरा किया जाना सुनिश्चित करेगी. मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कमेटी के गठन के संबंध में आदेश जारी किए हैं.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार (25 जुलाई) को पीपलोदी गांव में स्कूल बिल्डिंग हादसे के तुरंत बाद एक उच्चस्तरीय बैठक ली थी. बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन के लिए राजकीय भवनों की सुरक्षा ऑडिट और विशेष मरम्मत के लिए राज्य स्तर पर स्थायी समिति का गठन किया गया है. 
कमेटी में कौन-कौन होंगे शामिल?
इस समिति के अध्यक्ष एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, सार्वजनिक निर्माण विभाग होंगे. इसके साथ ही अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा अथवा प्रतिनिधि संयुक्त शासन सचिव स्तर, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण और पंचायती राज अथवा प्रतिनिधि संयुक्त शासन सचिव स्तर, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शासन सचिव नगरीय विकास एवं आवासन, शासन सचिव शिक्षा विभाग, शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग, शासन सचिव कृषि विभाग एवं वित्त विभाग के प्रतिनिधि इस समिति के सदस्य होंगे.
सरकारी भवनों की सुरक्षा जांच और मरम्मत कराएगी कमेटी
यह समिति राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, छात्रावास, दफ्तर, सडकों और पुलों का समयबद्ध सुरक्षा ऑडिट करवाने, जर्जर और असुरक्षित भवनों की पहचान कर उसे ध्वस्त कराने, असुरक्षित भवनों की विशेष मरम्मत हेतु तकमीना तैयार करवाने और धन उपलब्ध कराने से संबंधित समीक्षा कर दिशा-निर्देश देगी. 
साथ ही यह समिति विशेष मरम्मत हेतु हर साल वित्तीय और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने के साथ प्रतिवर्ष जून माह से पूर्व सभी राजकीय भवनों की मरम्मत कर सुरक्षा सुनिश्चित करने संबंधी समीक्षा करेगी. यह समिति राजकीय भवनों की सुरक्षा एवं जनहानि रोकने के लिए किये जा रहे प्रयासों एवं निर्देशों की प्रतिमाह समीक्षा भी करेगी.
जिला स्तर पर भी स्थायी समिति गठित
 इसी प्रकार जिला स्तर पर भी स्थायी समिति का गठन किया गया है, जिसमें जिला कलक्टर अध्यक्ष होंगे. समिति में सदस्य के रूप में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, अधीक्षण अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग, अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण निगम, चीफ मेडिकल ऑफिसर, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला कलक्टर की ओर से नामित अन्य आमंत्रित अधिकारी शामिल होंगे.
यह कमेटी सभी विभागों से को-ऑर्डिनेशन करते हुये सब डिविजन स्तर पर जरूरत के मुताबिक कमेटी बनाकर असुरक्षित भवनों, क्षतिग्रस्त सड़क और असुरक्षित पुलों की सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट तैयार करेगी.
साथ ही, बारिश के मौसम में बिजली से करंट, बाढ़ में डूबने, क्षतिग्रस्त भवनों, सडकों, रपट, पुलियाओं और जलभराव इत्यादि के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी निर्देश जारी कर अनुपालना करवाएगी. साथ ही जर्जर भवनों और संरचनाओं को असुरक्षित घोषित कर उन्हें ध्वस्त करवाना सुनिश्चित करेगी.
 

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