टीचर्स यूनियन ने पुरानी पेंशन और भत्ते की मांग की

by Carbonmedia
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सरकारी स्कूल टीचर्स यूनियन पंजाब और पंजाब सबऑर्डिनेट सर्विसेज फेडरेशन ने शहीद कर्नल सिंह ईसड़ू भवन में कर्मचारी नेता रणबीर सिंह ढिल्लों की पहली बरसी पर सरकार को कड़े संदेश दिए। उन्होंने कहा कि ढिल्लों ने छह दशक तक कर्मचारियों के हक की लड़ाई लड़ी और सरकारों की प्रताड़नाओं के बावजूद वेतन आयोग से बेहतर वेतनमान और भत्ते दिलवाए। नेताओं ने सरकार पर कॉरपोरेट दबाव में कर्मचारियों की उपलब्धियां खत्म करने का आरोप लगाया और सभी विभागों, बोर्डों व निगमों के कच्चे, ठेका व आउटसोर्स कर्मचारियों को बिना शर्त नियमित करने की मांग की। मांगों में 15 जनवरी 2015 और 17 जुलाई 2020 के पत्र रद्द करना, सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को लागू करना, खाली पदों पर भर्ती और पुनर्गठन के नाम पर खत्म हजारों पोस्ट बहाल करना शामिल हैं। उन्होंने जनवरी 2004 के बाद भर्ती कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, कटे 37 भत्ते बहाल करने और 1 जनवरी 2016 से 30 जून 2021 तक का बकाया वेतन-पेंशन एकमुश्त देने की मांग रखी। महंगाई भत्ते की पिछली सभी किस्तों और 13% दर से चार किस्तों का भुगतान भी मांगा। नेताओं ने नई शिक्षा नीति 2020 को रद्द करने, कोठारी आयोग की सिफारिशों के मुताबिक कॉमन स्कूल सिस्टम लागू करने और समान काम के लिए समान वेतन देने की बात कही। आंगनबाड़ी, आशा, मिड-डे मील वर्कर समेत स्कीम वर्करों को नियमित कर कम से कम 35,000 मासिक वेतन देने की मांग की। छठे वेतन आयोग के अनुसार पेंशनरों के लिए 2.59 का गुणांक और सभी विभागों में 4-9-14 साल की एसीपी स्कीम लागू करने पर जोर दिया। नेताओं ने निजीकरण बंद कर स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली व ट्रांसपोर्ट का राष्ट्रीयकरण और 1 जनवरी 2026 से पंजाब का सातवां वेतन आयोग गठित करने की मांग दोहराई। इस मौके पर चरण सिंह सराभा, रणजीत सिंह राणवा, सुरिंदर कुमार पुरी, मनजीत सिंह गिल, जसविंदर पाल उघी, प्रेम चावला समेत कई कर्मचारी नेता मौजूद रहे।

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