टेस्ट में कैसे होती है पारी की हार? मैनचेस्टर में टीम इंडिया पर मंडरा रहा ऐसा खतरा; समझें ICC का नियम

by Carbonmedia
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मैनचेस्टर में भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट बेहद रोमांचक मोड़ पर खड़ा है. इंग्लैंड ने पहली पारी में 669 रनों का स्कोर खड़ा करते हुए 311 रनों की विशाल बढ़त हासिल की थी. मैच के पांचवें दिन शुभमन गिल और केएल राहुल की अर्धशतकीय पारियों के बावजूद भारत पर पारी से हार का खतरा मंडरा रहा है. किसी टेस्ट मैच में यह पारी की हार आखिर होती कैसे है और इसके लिए ICC के नियम क्या हैं? यहां आपको इस सवाल का जवाब मिलेगा.
भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट पर ही नजर डालें तो इसमे टीम इंडिया ने पहले खेलते हुए 358 रन बनाए थे. इसके जवाब में इंग्लैंड टीम के स्कोरकार्ड पर 669 रन लगा डाले, जिससे उसे पहली पारी में 311 रनों की विशाल बढ़त मिली. अब अगर दूसरी पारी में भारतीय टीम 311 से कम स्कोर बनाती है तो उसे पारी की हार झेलनी पड़ेगी. टीम इंडिया अगर 311 रन बना लेती है , तो इंग्लैंड को जीत के लिए एक रन बनाना होगा.
साफ शब्दों में समझें तो यदि किसी टीम ने अपनी पहली पारी में 400 रन बनाए हैं. वहीं सामने वाली टीम दो पारियों में मिलाकर 399 रन भी बनाती है तो उसे पारी और एक रन से हारा हुआ घोषित किया जाएगा. अब सवाल उठता है कि पहली टीम ने एक ही पारी खेली, तो विपक्षी टीम लगातार 2 पारी कैसे खेल सकती है? दरअसल ऐसे में फॉलोऑन का स्कोर बहुत अहम हो जाता है. फॉलोऑन तब मिलता है, जब दूसरे नंबर पर बैटिंग करने वाली टीम अपनी पहली पारी के ऑलआउट होने के बाद 200 या उससे ज्यादा रनों से पीछे हो.
ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत ने यहां 9 मैच खेले हैं, जिनमें से उसे दो मौकों पर पारी की हार झेलनी पड़ी है.
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