अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को घोषणा की है कि वे ग्लोबल टैरिफ बढ़ाने की अंतिम तारीख 9 जुलाई से बढ़ाकर 1 अगस्त कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने बांग्लादेश-जापान समेत 14 देशों पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान भी किया है। ट्रम्प प्रशासन ने सोमवार को सभी प्रभावित देशों को औपचारिक रूप से लेटर भेजकर इस निर्णय की जानकारी दी। इस फैसले के तहत कुछ देशों पर 25% टैक्स लगाया गया है, जबकि कुछ पर 30% से 40% तक का भारी शुल्क लगाया गया है। दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं को ट्रम्प ने सबसे पहले लेटर भेजा और कहा कि उनके देश से आने वाले सामान पर अब 25% शुल्क लगेगा। उन्होंने लिखा कि ये टैक्स इसलिए जरूरी हैं ताकि अमेरिका और इन देशों के बीच व्यापार में जो असंतुलन है, उसे सुधारा जा सके। सबसे ज्यादा टैरिफ दरें: म्यांमार और लाओस पर सबसे अधिक 40% टैरिफ थाईलैंड और कंबोडिया 36% टैरिफ बांग्लादेश और सर्बिया पर 35% टैरिफ इंडोनेशिया को 32% टैरिफ देना होगा साउथ अफ्रीका और बोस्निया एंड हर्जेगोविना पर 30% टैरिफ 25% टैरिफ वाले देश: ट्रम्प ने अप्रैल में पहली बार सभी अमेरिकी आयात पर 10% बेसलाइन टैक्स और 60 देशों पर अलग-अलग टैक्स लगाने की बात की थी। उस घोषणा के बाद दुनियाभर के शेयर और बॉन्ड बाजारों में उथल-पुथल मच गई थी, इसलिए उन्होंने टैरिफ को कुछ समय के लिए टाल दिया था और देशों को अमेरिका के साथ नई डील करने का मौका दिया था। पहले उन्हें 8 जुलाई तक का वक्त दिया गया था, ताकि 9 जुलाई से नए टैरिफ लागू हो सकें। अब ये डेडलाइन बढ़ाकर 1 अगस्त कर दी गई है। भारत, यूरोपीय यूनियन के साथ ट्रेड डील जल्द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा है कि ट्रम्प इस हफ्ते कई देशों के साथ ट्रेड डील का ऐलान कर सकते हैं। भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील बहुत करीब पहुंच चुकी है। यूरोपीय यूनियन भी अमेरिका के साथ समझौता करने के काफी नजदीक है। इसके साथ ही पाकिस्तान, ताइवान और स्विटजरलैंड जैसे दूसरे देश में अमेरिका के साथ ट्रेड डील करने का रास्ता तलाश रहे हैं। US ने 2 देशों के साथ शुरुआती ट्रेड डील की अब तक अमेरिका ने सिर्फ ब्रिटेन और वियतनाम के साथ दो शुरुआती डील की हैं। हालांकि इन समझौतों में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। वियतनाम वाले सौदे में तो किसी भी पक्ष ने यह भी साफ नहीं किया कि वास्तव में किन बातों पर सहमति बनी है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ने ब्रिटेन पर 10% का टैरिफ लगाया है। इसके अलावा स्टील और एल्युमीनियम पर अलग से अमेरिका 25% का टैरिफ लगाएगा। वहीं, ब्रिटेन, अमेरिकी सामानों पर 0% टैरिफ लगाएगा। वहीं, अमेरिका ने वियतनाम पर 20% टैरिफ लगाया है। यानी कि वियनताम के सामान अमेरिका में 20% ज्यादा कीमत पर बिकेंगे। वहीं, वियतनाम ने अमेरिकी सामानों पर 0% टैरिफ लगाया है। जापान-साउथ कोरिया से नहीं हुई ट्रेड डील जापान और साउथ कोरिया अमेरिका के करीबी साथी हैं, लेकिन उनके साथ अमेरिका की ट्रेड डील नहीं हो पाई। इसकी वजह यह भी है कि दोनों देशों में चुनाव होने वाले हैं। साथ ही ट्रम्प इन दोनों देशों के सबसे अहम प्रोडक्ट्स जैसे कि कार, स्टील और इलेक्ट्रॉनिक्स पर अलग से ज्यादा टैरिफ लगाने की बात भी कर रहे हैं। ट्रम्प बोले- US, भारत के साथ डील करने के करीब
ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मेजबानी करते हुए पत्रकारों से भी बात की। इस दौरान उन्होंने कहा, अमेरिका ने ब्रिटेन और चीन के साथ समझौता किया है। अब भारत के साथ भी व्यापार समझौते पर पहुंचने के करीब है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने फिर से दावा किया कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक बहुत बड़ी लड़ाई को रोक दिया। उन्होंने कहा, ‘हमने दोनों देशों से कहा कि अगर आप आपस में लड़ेंगे, तो हम आपके साथ कोई व्यापारिक संबंध नहीं रखेंगे। वे शायद परमाणु युद्ध के स्तर पर थे। इसे रोकना बहुत जरूरी था।’ चीन ने अमेरिका से कहा- धमकी मत दो
ट्रम्प की टैरिफ चेतावनी का ब्रिक्स के प्रमुख देश चीन ने कड़ा विरोध किया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मंच पर एक सकारात्मक संगठन है। निंग ने कहा, चीन किसी भी प्रकार के टैरिफ और ट्रेड वॉर का विरोध करता है। टैरिफ लगाने के नाम पर धमकाना अथवा गैरजरूरी दबाव डालने का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। भारत-अमेरिका वॉशिंगटन में बातचीत कर रहे
ट्रम्प ने 2 अप्रैल को दुनियाभर के देशों पर रेसिप्रोकल (जैसे को तैसा) टैरिफ लगाया था, बाद में इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया। इसकी डेडलाइन 9 जुलाई 2025 को खत्म हो रही थी, जिसे 1 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत और अमेरिका के बीच भी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है। अगर 1 अगस्त से पहले यह समझौता नहीं हुआ, तो भारत पर 26% टैरिफ लागू हो सकता है। भारत और अमेरिका की टीमें लगातार वॉशिंगटन में बातचीत कर रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि डील के ज्यादातर हिस्सों पर सहमति बन चुकी है, और 8 जुलाई को इसका ऐलान हो सकता है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत राष्ट्रीय हितों को सबसे ऊपर रखेगा। इस डील से भारत और अमेरिका को क्या फायदा होगा? जवाब: अगर ये मिनी ट्रेड डील हो जाती है, तो: भारत के लिए फायदे: अमेरिका के लिए फायदे: दोनों देशों के लिए: ये डील भविष्य में बड़े फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की नींव रख सकती है। डील में क्या रुकावटें आईं? जवाब: बातचीत में कुछ बड़े पेंच फंसे थे: इस डील का जियोपॉलिटिकल असर क्या होगा? जवाब: ये डील सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है, इसका सामरिक महत्व भी है: अमेरिका का दावा- 90 देश ट्रेड डील को तैयार
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट का दावा है कि 90 देश अमेरिका के साथ ट्रेड डील करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, डील के ऑफर से वाइट हाउस का मेल इनबॉक्स भर गया है। सभी देश जल्द से जल्द डील करने को तैयार हैं। 10 अप्रैल को हमने टैरिफ पर रोक लगाकर 90 दिन में 90 देशों के साथ ट्रेड डील का लक्ष्य पूरा कर लिया है। ज्यादातर देश अमेरिकी शर्तें मानने के लिए तैयार हैं। बेसेंट के मुताबिक, अमेरिका का मानना है कि स्वस्थ व्यापार हो। किसी भी देश के साथ डील के दरवाजे कभी बंद नहीं होने चाहिए। ——————————————– यह खबर भी पढ़ें… आज हो सकता है भारत-अमेरिका मिनी ट्रेड डील का ऐलान:26% टैरिफ से बचने के लिए डील अहम; 9 जुलाई को खत्म हो रही डेडलाइन भारत और अमेरिका के बीच मिनी ट्रेड डील का ऐलान आज देर रात तक होने की उम्मीद है। ये डील भारतीय निर्यातकों और अमेरिकी बाजारों के लिए नए रास्ते खोल सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल को दुनियाभर के देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था, बाद में इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया। यहां पढ़ें पूरी खबर…
ट्रम्प ने टैरिफ डेडलाइन 1 अगस्त तक बढ़ाई:बांग्लादेश-जापान समेत 14 देशों पर टैरिफ लगाया; म्यांमार-लाओस पर सबसे ज्यादा 40% टैक्स
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