अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बुधवार को इससे जुड़े एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए। यह आदेश 21 दिन बाद यानी 27 अगस्त से लागू होगा। एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में कहा गया है कि रूसी तेल खरीद की वजह से भारत पर यह एक्शन लिया गया है। इससे पहले उन्होंने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया था। अब भारत पर कुल 50% टैरिफ लगेगा। बुधवार देर रात जब ट्रम्प से पूछा गया कि भारत पर ही क्यों सख्ती, जबकि चीन जैसे और देश भी रूसी तेल खरीद रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा अभी सिर्फ 8 घंटे ही तो हुए हैं। आप बहुत कुछ होते देखेंगें। बहुत सारे सेकेंडरी सेंक्शंस आने वाले हैं। ट्रम्प के इस बयान से साफ है कि अमेरिका आने वाले दिनों में भारत समेत उन देशों के खिलाफ ‘सेकेंडरी सेंक्शंस’ लगा सकता है जो रूस के साथ व्यापारिक संबंध बनाए हुए हैं। विदेश मंत्रालय बोला- अमेरिकी कार्रवाई नाजायज भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस कार्रवाई को गलत बताया है। मंत्रालय ने कहा- अमेरिका ने हाल ही में भारत के रूस से किए जा रहे तेल आयात को निशाना बनाया है। हमने पहले ही साफ कर दिया है कि हम बाजार की स्थिति के आधार पर तेल खरीदते हैं और इसका मकसद 140 करोड़ भारतीयों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगा रहा है, जबकि कई और देश भी अपने हित में यही काम कर रहे हैं। हम दोहराते हैं कि ये कदम अनुचित, नाजायज और गलत हैं। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। क्या हैं सेकेंडरी सैंक्शंस? ये वो प्रतिबंध होते हैं जो किसी देश पर सीधे नहीं, बल्कि किसी तीसरे देश से उसके व्यापारिक रिश्तों के चलते लगाए जाते हैं। यानी अमेरिका सीधे भारत को टारगेट न करके, उन कंपनियों और बैंकों पर सख्ती कर सकता है जो रूस से तेल खरीद में शामिल हैं। भारत ने रूस-यूक्रेन जंग के बावजूद रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना जारी रखा है। अमेरिका लंबे समय से भारत पर इस फैसले को लेकर दबाव बना रहा है। हालांकि भारत हमेशा कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा जरूरतें उसके राष्ट्रीय हित से जुड़ी हैं। ट्रम्प के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में लिखा है- “भारत सरकार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से रूस से तेल आयात कर रही है। ऐसे में अमेरिका में दाखिल होने वाले भारत के सामानों पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लागू होगा। हालांकि कुछ खास परिस्थितियों में इस टैरिफ से छूट भी दी जाएगी जैसे कि यदि कोई सामान पहले ही समुद्र में लद चुका है और रास्ते में है, या यदि वह कुछ खास तारीख से पहले अमेरिका में पहुंच चुका है। इससे पहले मार्च 2022 में अमेरिका ने एक आदेश जारी कर रूसी तेल और उससे जुड़े उत्पादों के अपने देश में आयात पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। अब ट्रम्प प्रशासन ने यह पाया कि भारत उस रूसी तेल को खरीद रहा है, जिससे रूस को आर्थिक मदद मिल रही है। इस वजह से अब अमेरिका ने भारत पर यह नया टैरिफ लगाने का फैसला किया है।” कुछ भारतीय सामानों पर टैरिफ लागू नहीं होगा ट्रम्प ने 24 घंटे में एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की धमकी दी इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार को भारत पर 24 घंटे के भीतर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। ट्रम्प ने कहा था कि भारत, रूस के साथ व्यापार करके यूक्रेन के खिलाफ रूसी वॉर मशीन को ईंधन देने का काम कर रहा है। इस वजह से अमेरिका को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। ट्रम्प ने यह भी कहा कि भारत अच्छा बिजनेस पार्टनर नहीं है। भारत के टैरिफ दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। कल मेडिसिन पर 250% टैरिफ की धमकी दी थी ट्रम्प ने कल ही भारत के फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स पर 250% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। ट्रम्प ने CNBC को दिए इंटरव्यू में कहा था कि वे शुरू में फार्मास्युटिकल्स पर छोटा टैरिफ लगाएंगे, लेकिन फिर इसे एक से डेढ़ साल में बढ़ाकर 150% और फिर 250% कर देंगे। ट्रम्प ने कहा था- हम चाहते हैं कि दवाइयां हमारे देश में ही बनाई जाएं। उनका मानना है कि अमेरिका फार्मा प्रोडक्ट्स के लिए बहुत ज्यादा विदेशों पर निर्भर है, खासकर भारत और चीन पर। इस टैरिफ से भारतीय फार्मा सेक्टर पर बुरा असर पड़ सकता है। अमेरिका भारत से जेनेरिक दवाइयां, वैक्सीन और एक्टिव इंग्रेडिएंट्स खरीदता है। 2025 में अमेरिका को भारत का फार्मास्युटिकल निर्यात 7.5 अरब डॉलर (करीब 65 हजार करोड़ रुपए) से ज्यादा रहा। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली सभी जेनेरिक दवाओं की लगभग 40% भारत से आती हैं। यह खबर भी पढ़ें… भारत रूसी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार भारत, चीन के बाद रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से सिर्फ 0.2% (68 हजार बैरल प्रतिदिन) तेल इम्पोर्ट करता था। मई 2023 तक यह बढ़कर 45% (20 लाख बैरल प्रतिदिन) हो गया, जबकि 2025 में जनवरी से जुलाई तक भारत हर दिन रूस से 17.8 लाख बैरल तेल खरीद रहा है। पिछले दो साल से भारत हर साल 130 अरब डॉलर (11.33 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का रूसी तेल खरीद रहा है। टैरिफ का भारत पर क्या असर पड़ेगा? भारत से अमेरिका जाने वाले सामानों, जैसे दवाइयां, कपड़े और इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स पर 50% टैक्स लगेगा। इससे भारतीय सामान अमेरिका में महंगे हो जाएंगे। उनकी मांग कम हो सकती है। भारत का अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस (निर्यात ज्यादा, आयात कम) भी कम हो सकता है। ——————————————— यह खबर भी पढ़ें… ट्रम्प की धमकी से डरे 100 से ज्यादा देश:अमेरिका से ट्रेड डील की, भारत समेत 5 देश नहीं झुके; कैसे करेंगे पाबंदियों का मुकाबला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी संसद के जॉइंट सेशन में दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हमारी इकोनॉमी लगातार घाटे में जा रही है। इस नुकसान से बचने के लिए हम उन सभी देशों पर टैरिफ लगाएंगे, जो हमारे सामानों पर टैरिफ लगाते हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर…
ट्रम्प ने भारत पर 25% टैरिफ बढ़ाकर 50% किया:कहा- सिर्फ 8 घंटे हुए हैं, आगे बहुत कुछ होगा; सेकेंडरी सेंक्शंस आने वाले हैं
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