उद्धव ठाकरे की पार्टी की तरफ से नया पोस्ट शेयर किया है. सोमवार (30 जून) को शेयर किए गए पोस्ट में कहा गया है कि ‘तय हो गया, 5 जुलाई, मराठी की विजयी रैली!! ठाकरे, आ रहे हैं.’ इस पोस्ट को उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक मंच पर साथ आने से जोड़कर देखा जा रहा है.
दरअसल, 5 जुलाई को महाराष्ट्र में हिंदी भाषा पढ़ाने जाने के विरोध में एक रैली होनी थी. इस रैली में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक मंच पर साथ आने वाले थे. लेकिन विपक्षी दलों के विरोध को देखते हुए महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने ये फैसला वापस ले लिया. ऐसे में ये सवाल भी उठा कि सार्वजनिक तौर पर एक मंच पर साथ आने की ठाकरे भाइयों की योजना का क्या होगा?
ऐसे में अब उद्धव ठाकरे की पार्टी ने 5 जुलाई को ‘मराठी की विजयी रैली’ की संज्ञा दी है. बता दें कि महाराष्ट्र में नगर निगम के चुनाव होने हैं. उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच गठबंधन की बात चल रही है. ऐसे में शिवसेना यूबीटी के नए पोस्ट ने सियासी पारा चढ़ा दिया है.
ठरलं…५ जुलै मराठीचा विजयी मेळावा!ठाकरे येत आहेत… pic.twitter.com/pqWraVl34m
— ShivSena – शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) June 30, 2025
29 जून को महाराष्ट्र के स्कूलों में पहली से हिंदी भाषा को शामिल करने के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच कैबिनेट ने ‘त्रि-भाषा’ नीति पर सरकारी आदेश को रद्द कर दिया. सरकार ने 16 अप्रैल को एक सरकारी आदेश जारी किया था, जिसमें अंग्रेजी और मराठी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाया गया था.
हालांकि, विरोध बढ़ने पर सरकार ने 17 जून को संशोधित सरकारी आदेश जारी किया, जिसमें हिंदी को वैकल्पिक भाषा बनाया गया. विपक्षी दलों शिवसेना (यूबीटी), एमएनस और एनसीपी (एसपी) ने इस कदम की आलोचना की, जिन्होंने इसे महाराष्ट्र में हिंदी को थोपा जाना करार दिया। कांग्रेस ने भी हिंदी थोपे जाने की बात कही थी.