दक्षिण भारत के राज्यों के बाद अब महाराष्ट्र में भी हिंदी भाषा को लेकर बवाल मचा है. इसी मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने रविवार (6 जुलाई, 2025) को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि दक्षिणी राज्य इस मुद्दे पर सालों से लड़ रहे हैं. हिंदी थोपने के खिलाफ उनके रुख का मतलब है कि वे हिंदी नहीं बोलेंगे और न ही किसी को हिंदी बोलने देंगे.
संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में हमारा रुख दक्षिणी राज्यों की तरह नहीं है. हम हिंदी बोलते हैं. हमारा कहना ये है कि प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी के लिए सख्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हमारी लड़ाई यहीं तक सीमित है. हमारा केंद्र सरकार से विवाद सिर्फ इसी बात को लेकर है. उन्होंने आगे कहा कि एमके स्टालिन ने हमारी इस जीत पर हमें बधाई दी है और कहा है कि वे इससे सीखेंगे, हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं.
‘हमारे यहां हिंदी फिल्में, हिंदी थिएटर और हिंदी संगीत है’
उन्होंने आगे कहा कि हमने किसी को हिंदी में बोलने से नहीं रोका है क्योंकि हमारे यहां हिंदी फिल्में, हिंदी थिएटर और हिंदी संगीत है. हमारी लड़ाई केवल प्राथमिक शिक्षा में हिंदी थोपने के खिलाफ है. उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को लेकर उन्होंने कहा कि हां, दोनों भाई राजनीति के लिए एक साथ आए हैं और ये राजनीति महाराष्ट्र में मराठा हित के लिए है.
#WATCH | Mumbai, Maharashtra: Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, “The Southern states have been fighting for this issue for years. Their stand against the imposition of Hindi means they will not speak Hindi and neither let anyone speak Hindi. But that is not our stand in… pic.twitter.com/w5tD80bRYP
— ANI (@ANI) July 6, 2025
बीजेपी के गठबंधन पर साधा निशाना
बीजेपी के गठबंधन को लेकर सवाल उठाते हुए राउत ने कहा कि वे (एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस) किसलिए एक साथ आए हैं. क्या वो सोशल वर्क करने के लिए साथ आए हैं, क्या वो अपनी संपत्ति बांटने के लिए आए हैं. उन्होंने आगे नेताओं के नाम गिनाते हुए कहा कि प्रुफल्ल पटेल, एकनाथ शिंदे, अजीत पवार ये सब एक साथ क्यों आए हैं ?
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