ठाणे लोकल ट्रेन हादसे पर भड़के राज ठाकरे, कहा- ‘उद्धव ठाकरे से गठबंधन जरूरी है कि…’

by Carbonmedia
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Raj Thackeray On Maharashtra Train Accident: महाराष्ट्र के ठाणे में सोमवार (9 जून) की सुबह एक चलती लोकल ट्रेन से गिरकर जीआरपी कांस्टेबल समेत चार लोगों की मौत हो गई, जबकि इस घटना में छह लोग घायल हो गए. वहीं इस हादसे को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकर ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि क्या इंसान की जान की कोई कीमत नहीं रह गई है.
राज ठाकरे ने एक्स पर लिखा, “आज मुंबई में जो रेल दुर्घटना हुई, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. इस दुर्घटना में कई यात्रियों की मृत्यु हुई, लेकिन मुंबई में ऐसी ही घटनाएं हर दिन हो रही हैं. मुंबई में हर दिन यात्री घायल हो रहे हैं और फिर भी कोई कुछ नहीं कर रहा है. कई वर्षों से मुंबई रेलवे के लिए अलग निगम की मांग की जा रही है. हमने भी यह मांग की, लेकिन आज तक किसी सरकार ने इस मांग पर ध्यान नहीं दिया.”
 

आज मुंबईत जो रेल्वे अपघात झाला तो दुर्दैवी आहे. या अपघातात अनेक प्रवाशांचा मृत्यू झाला, पण अशाच घटना रोज मुंबईत घडत आहेत. मुंबईत रोज प्रवासी जखमी होत आहेत आणि तरीही कोणाला काहीही देणं-घेणं नाहीये.मुंबई रेल्वेसाठी एक वेगळं महामंडळ हवं, ही मागणी गेले कित्येक वर्षांपासून केली जात… pic.twitter.com/vJvUgcQKKr
— Raj Thackeray (@RajThackeray) June 9, 2025

 
‘भीड़ को लेकर सरकार की प्लानिंग नहीं’उन्होंने ये भी लिखा, “आज शहरों की प्लानिंग पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. भारी भीड़ आ रही है. उनके लिए बड़ी सड़कें, पुल, मेट्रो बनाई जा रही हैं. ऊंची इमारतों को अनुमति दी जा रही है, लेकिन पार्किंग के लिए कोई प्लानिंग नहीं है. हर शहर में ट्रैफिक की गंभीर समस्या है. नई सड़कें, मेट्रो बनाने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, फिर भी कोई सरकार शहर की प्लानिंग या बाहर से आने वाली भीड़ के बारे में नहीं सोच रही है.” 
‘सारा ध्यान चुनाव प्रचार पर’राज ठाकरे ने आगे लिखा, “हमारा सारा ध्यान सिर्फ चुनाव और प्रचार पर केंद्रित है. क्या राज ठाकरे-उद्धव ठाकरे गठबंधन करेंगे? इस सवाल से भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आज मुंबई में यात्रा कैसी चल रही है, शहरों और पूरे राज्य में रहने वाले लोगों की स्थिति क्या है. क्या मीडिया इन सवालों को उठाएगा? क्या वे सरकारों से इन सवालों के जवाब मांगेंगे? कौन किसके साथ गठबंधन करेगा, किसने क्या कहा, ये सब इन गंभीर सवालों के सामने बहुत मामूली हैं. क्या हम जनता के सवालों की ओर रुख करेंगे?” 
‘इंसान की जान की कोई कीमत नहीं’उन्होंने लिखा, “मैं खुद मुंबई में लंबे समय तक ट्रेन से यात्रा करता रहा हूं. लेकिन तब स्थिति थोड़ी बेहतर थी. अब रेलवे स्टेशन पर भीड़ देखकर हैरानी होती है. ये सांसद, विधायक, मंत्री विदेश जाते हैं क्या वे वहां से कुछ सीखते हैं? अगर ऐसी कोई घटना विदेश में होती, तो वहां कैसे निपटा जाता? लेकिन हमारे पास कुछ भी नहीं है. यहां इंसान की जान की कोई कीमत नहीं है.”

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