सिरसा जिले के डबवाली में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूल रत्ताखेड़ा में वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। ऑडिट टीम ने 6 स्कूलों के बिलों की जांच की। रत्ताखेड़ा स्कूल में वित्तीय नियमों की अवहेलना और भ्रष्टाचार के संकेत मिले हैं। जिला समन्वय अधिकारी ने स्कूल प्रिंसिपल को नोटिस जारी किया है। प्रिंसिपल को 6 मार्च तक 18 बिंदुओं पर दस्तावेज और जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। मामले की जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय को भी दी गई है। जवाब से ऑडिट अधिकारी संतुष्ट नहीं ऑडिट में छात्राओं के राशन, टीचर लर्निंग मटिरियल, निर्माण कार्य और मेडिकल दवाओं में गड़बड़ी पाई गई हैं। यदि प्रिंसिपल के जवाब से ऑडिट अधिकारी संतुष्ट नहीं होते हैं, तो कार्रवाई की जा सकती है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में रिटायर्ड टीचर की नियुक्ति की जाती है। रत्ताखेड़ा स्कूल में भी प्रिंसिपल सहित अन्य स्टाफ रिटायर्ड टीचर हैं। टीचर लर्निंग मटेरियल स्टूडेंट को नहीं मिला पूरा बच्चों के टीअलएम यानी टीचर लर्निंग मटेरियल की खरीद की गई है। टीएम वितरण का बिलों के अनुसार कोई रिकॉर्ड स्कूल प्रबंधन के पास उपलब्ध नहीं करवाया गया, जो भेजे हैं, उसे पर इंचार्ज के हस्ताक्षर नहीं है। बार-बार मांग करने के बाद कोई दस्तावेज एक स्टूडेंट को दिए जाने वाले टीएलम समान का नहीं दिया गया। ऑडिट अधिकारी ने लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा टीएलएम का पूरा सामान स्टूडेंट को नहीं दिया गया। इतना ही नहीं राशन के बिलों पर भी दुकानदार के हस्ताक्षर नहीं है। राशन को लेकर कोई डिमांड भी नहीं भेजी गई ओर राशन की राशि का भुगतान किया जा चुका है। हैरानी है कि फोटोस्टेट को लेकर कोटेशन लगाई गई है, जोकि वित्तीय नियमों की अवहेलना है। मेडिकल दावों के बिलों में भी मिली गड़बड़ी स्कूल प्रबंधन ने जनवरी 2025 से मार्च 2025 तक के लिए 22820 रुपए का मेडिकल बिल का भुगतान किया है। 21 जनवरी और 20 जनवरी का जो बिल भेजा गया है उसे साफ जाहिर होता है कि मेडिकल दवाओं को लेकर बिल ही बनाया गया है। इससे रिपोर्ट में सामने आया है कि जिन दवाओं के बिल बनाए गए हैं उनका प्रयोग केवल प्रशिक्षित चिकित्सक ही कर सकता है। स्कूल प्रबंधन ने उन दवाओं का प्रयोग किया। मरम्मत कार्यों की नहीं लगाई फोटो ऑडिट रिपोर्ट में यह सामने आया है कि स्कूल प्रबंधन ने जो निर्माण या मरम्मत कार्य करवाया है, उनके बिलों के साथ उसे कार्य के शुरू होने से लेकर पूर्ण होने तक की कोई फोटो नहीं लगाई। नहीं कोई दस्तावेज उपलब्ध करवाए गए हैं। यहां तक की लेबर वर्क में मस्टरोल तक नहीं भरा गया है और सीधे बिलों की अदायगी कर दी गई। अपने स्तर पर तीन बैटरी खरीदी ऑडिट रिपोर्ट में यह मिली गड़बड़ी ऑडिट रिपोर्ट में यह सामने आया कि स्कूल प्रबंधन ने बिना जिला मुख्यालय से अनुमति और मांग भेजें, अपने स्तर पर तीन बैटरी खरीदी है। कुछ अन्य सामान के बिल भेज दिए। जिनको खरीदने का अधिकार क्षेत्र उनके पास नहीं था। बिल अलमारी की रिपेयरिंग से लेकर साउंड सिस्टम खरीदने को लेकर कोई अनुमति नहीं ली गई, न ही कोई डिमांड भेजी गई है। जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी से अनुमति लेना जरूरी था। फर्म से 10 हजार की एक दिन में खरीद बार-बार कार्रवाई कूलरों की मरम्मत और ऑडिट के पास भेज दिए बिल। कब कब कूलर रिपेयर हुए यह जानकारी नहीं दी। रिपोर्ट में कहा गया कि स्कूल प्रबंधन ने नया सामान खरीदा है, लेकिन पुराने सामान का क्या किया। इसकी रिपोर्ट नहीं दी गई। एक ही फर्म से एक ही दिन में 10 हजार से ज्यादा की खरीद की गई, जो स्कूल प्रिंसिपल नहीं कर सकता।22 हजार रुपयों की स्टेशनरी बहुत कम अंतराल में बार-बार खरीदी गई है। इतनी राशि की स्टेशनरी खरीदने के लिए जिला समन्वय अधिकारी से अनुमति लेना जरूरी होता है। बिना मांग भेज स्कूल द्वारा बार-बार एक ही फर्म से सामान खरीदा गया है। स्कूल प्रबंधन से मांगा जवाब ऑडिट रिपोर्ट में कई खामियां कस्तूरबा गांधी विद्यालय रत्ताखेड़ा की सामने आई है। स्कूल प्रिंसिपल को नोटिस जारी किया गया है। स्कूल प्रबंधन को जवाब देना है। जवाब के आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सुनीता साईं जिला समन्वयक अधिकारी समग्र शिक्षा सिरसा हमारी ओर से सारे दस्तावेज भेजे गए हैं। कहीं मिस कम्युनिकेशन हुआ है, नोटिस प्राप्त हुआ है, उसका जवाब भेज दिया जाएगा। गड़बड़ी जैसा कुछ नहीं है।
डबवाली के कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूल में वित्तीय गड़बड़ी:राशन, निर्माण-दवाओं में मिली कमी, प्रिंसिपल को जवाब देने का नोटिस
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