डायबिटीज और ब्लड प्रेशर का प्रेग्नेंसी पर क्या होता है असर? जान लीजिए जवाब

by Carbonmedia
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Pregnancy complications: गर्भावस्था हर महिला के जिंदगी का एक बेहद अहम और नाजुक दौर होता है. इस दौरान महिला के शरीर में कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलाव आते हैं, इसलिए मां को अपने और अपने होने वाले बच्चे की सेहत का खास ख्याल रखना पड़ता है. अगर इस दौरान जरा-सी भी लापरवाही बरती जाए, तो वह मां और बच्चे दोनों के लिए गंभीर परिणाम साबित हो सकती है. खासतौर पर जब महिला को डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां हों और वे सही तरीके से कंट्रोल न की जाएं, तो इससे गर्भावस्था में कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरे का कारण बन सकती हैं.
गर्भावस्था में डायबिटीज क्यों होती है खतरनाक?
एक्सपर्ट के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज होना मां और बच्चे दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है. चाहे महिला को यह बीमारी पहले से हो या प्रेग्नेंसी के दौरान ही पहली बार सामने आ सकती है, जिसे गेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है. इसका असर सीधे गर्भ में पल रहे  शिशु पर पड़ता है. इस स्थिति में बच्चा जरूरत से ज्यादा बड़ा हो सकता है, जिससे नॉर्मल डिलीवरी के समय परेशानी हो सकती है और सिजेरियन डिलीवरी की नौबत आ सकती है. इतना ही नहीं, जन्म के बाद बच्चे की शुगर अचानक गिर सकती है, जो उसकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए गर्भावस्था में डायबिटीज को गंभीरता से लेना जरूरी होता है.
हाई ब्लड प्रेशर से बढ़ता है प्रीक्लेम्प्सिया का खतरा
अगर गर्भावस्था के समय महिला का ब्लड प्रेशर ज्यादा हो जाए, तो यह एक परेशानी की बात हो सकती है. ज्यादा बीपी के चलते प्रीक्लेम्प्सिया नाम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसमें महिला को हाथ-पैरों या चेहरे में सूजन, सिरदर्द और चक्कर जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ज्यादा बीपी से शरीर के कुछ अंगों को नुकसान पहुंचने का भी खतरा रहता है. साथ ही, गर्भ में पल रहे बच्चे की सही ग्रोथ रुक सकती है और डिलीवरी समय से पहले हो सकती है. इसलिए हाई ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और समय पर इलाज लेना बहुत जरूरी है.
मां और बच्चे की सुरक्षा के लिए क्या है जरूरी?
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप मां बनने की प्लानिंग कर रही हैं या पहले से गर्भवती हैं और आपको डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप खुद को और अपने बच्चे को सुरक्षित रख सकती हैं:

नियमित रूप से डॉक्टर से जांच कराते रहें.
जो दवाएं और डाइट डॉक्टर ने बताई हैं, उन्हें सही समय पर लें.
रोजाना थोड़ी-बहुत एक्सरसाइज करें या हल्की वॉक जरूर करें.
नमक और चीनी की मात्रा खाने में सीमित रखें.
तनाव से बचें और मन को शांत रखें, क्योंकि आपका मानसिक स्वास्थ्य भी बच्चे पर असर डालता है.

इन बातों का रखें ध्यान
गर्भावस्था में डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को हल्के में लेना मां और बच्चे दोनों की सेहत पर भारी पड़ सकता है. हालांकि अच्छी बात यह है कि समय रहते इनका पता लग जाए, सही इलाज शुरू हो जाए और अपने जीवनशैली में कुछ जरूरी बदलाव किए जाएं, तो इन समस्याओं को आसानी से काबू किया जा सकता है. याद रखें, एक स्वस्थ मां ही एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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