NCB को डार्कनेट के जरिए ड्रग्स बेचने वाले भारत के सबसे बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करने में बड़ी कामयाबी मिली है. इस नेटवर्क का नाम ‘Ketamelon’ था और ये बीते दो सालों से LSD और Ketamine जैसी नशे की चीजें देशभर में भेज रहा था. इस ऑपरेशन को NCB कोचीन यूनिट ने ‘ऑपरेशन MELON’ नाम दिया था, जिसमें 1127 LSD ब्लॉट्स और 131.66 ग्राम केटामाइन के साथ करीब 70 लाख की डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी जब्त की गई है.
जांच में मिली ये चीजें28 जून 2025 को कोचीन में तीन अलग-अलग पार्सलों में 280 LSD ब्लॉट्स पकड़े गए. जांच में सामने आया कि ये पार्सल एक ही संदिग्ध शख्स ने बुक किए थे. अगले दिन, 29 जून को उसके घर पर रेड की गई, जहां से 847 LSD ब्लॉट्स, 131.66 ग्राम केटामाइन, एक पेन ड्राइव, जिसमें डार्कनेट एक्सेस करने वाला सॉफ्टवेयर KITES OS था, कई क्रिप्टो वॉलेट्स, हार्ड डिस्क और करीब 70 लाख के USDT क्रिप्टोकरेंसी वाला हार्डवेयर वॉलेट मिला.
इस जगह से होती थी ड्रग्स की सप्लाई
जांच में पता चला कि Ketamelon भारत का एकमात्र ‘लेवल-4’ डार्कनेट ड्रग वेंडर था, यानी टॉप लेवल पर काम करने वाला. ये नेटवर्क UK के डीलर Gunga Din से ड्रग्स मंगवाता था, जो दुनियाभर में LSD सप्लाई करने वाले Dr. Seuss गैंग से जुड़ा हुआ है. Ketamelon ने देश के कई बड़े शहरों जैसे बेंगलुरु, चेन्नई, भोपाल, पटना, दिल्ली, हिमाचल और उत्तराखंड में ड्रग्स भेजे. पिछले 14 महीनों में इसने 600 से ज्यादा पार्सल डिलीवर किए थे.
इस ड्रग का क्या होता है असर
जब्त की गई LSD और केटामाइन की मार्केट वैल्यू करीब 35.12 लाख बताई जा रही है. एक LSD ब्लॉट की कीमत 2500 से 4000 तक होती है. 2023 में NCB ने Zambada नाम की एक और बड़ी डार्कनेट ड्रग गैंग का पर्दाफाश किया था, जिसमें 29013 LSD ब्लॉट्स, 472 ग्राम MDMA और 51.38 लाख कैश जब्त किया गया था. उस केस में 14 लोग अरेस्ट हुए थे.
LSD यानी Lysergic Acid Diethylamide एक Hallucinogenic ड्रग है, जिससे इंसान को आवाजें दिखने लगती हैं और रंगों की आवाजें सुनाई देने जैसी अजीब अनुभूतियां होती हैं. इसे आमतौर पर छोटे कागज के टुकड़ों (blots या stamps) पर चढ़ाकर चाटा जाता है. ये भी पढ़ें:- टेकऑफ के बाद 900 फीट नीचे आ गया एअर इंडिया का प्लेन, अटक गई थी यात्रियों की जान
डार्कनेट ड्रग सिंडिकेट ‘Ketamelon’ का भंडाफोड़, करोड़ों की ड्रग्स और डिजिटल एसेट्स जब्त
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