समाजवादी पार्टी की सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव पर अमर्यादित टिप्पणी के बाद ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (AIIA) के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने अब कैराना सांसद इकरा हसन का नाम लेते हुए प्रतिक्रिया दी है. साजिद रशीदी ने कहा कि है कि मस्जिद में बैठने के दौरान डिंपल को इकरा से सीखना चाहिए था. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात पर आपत्ति है कि वह मान्यताओं के अनुसार नहीं बैठी थीं. रशीदी ने कहा कि इस्लामिक मान्यताओं में इस तरह से मस्जिद में बैठना ठीक नहीं है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण इकरा हसन हैं. डिंपल को उनसे सीखना चाहिए था.
मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, ‘मस्जिद के अंदर जिस अवस्था में वे(डिंपल यादव) बैठी हैं, इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार मेरी उस पर आपत्ति है. इस्लामिक मान्यताओं में इस तरह से मस्जिद में बैठना ठीक नहीं है और उसका सबसे बड़ा उदाहरण इकरा हसन हैं जो उनके बगल में बैठी हैं. उनको(डिंपल यादव) कम से कम उनसे(इकरा हसन) सीख ले लेनी चाहिए थी कि वे मुसलमान हैं, जिस तरह से वे बैठी हैं, मैं भी उसी तरह से बैठूं.’
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अब मौलाना नहीं हैं मोहिबुल्लाह नदवी- साजिद
रामपुर के सांसद का जिक्र करते हुए साजिद ने कहा कि जो मौलाना वहाँ मौजूद थे (सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी) अब मौलाना नहीं हैं. वह अब सांसद हैं. उन्हें वहाँ बैठने का अधिकार नहीं था. वह समाजवादी पार्टी के सांसद हैं. वह वहाँ गुलामों की तरह हाथ जोड़कर बैठे हैं. क्या उनमें सुप्रीमो की पत्नी को यह कहने की हिम्मत होती कि वह गलत स्थिति में बैठी हैं? सबसे बड़ा अपराधी वह है. अगर वह मौलाना होते, तो उन्होंने तुरंत आपत्ति जताई होती और कहा होता कि मस्जिद चर्चा करने की जगह नहीं है. उन्हें मस्जिद में अखिलेश यादव के लिए चाय और नाश्ता लाना पड़ा, जो इस्लाम के खिलाफ है.’
डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी के बाद साजिद रशीदी ने लिया इकरा हसन का नाम, कहा- उनको सीखना चाहिए कि…
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