डिप्टी मेयर चुनाव का विवाद पहुंचा हाईकोर्ट:गुरुग्राम के RTI एक्टिविस्ट ने डाली रिट पिटिशन, नियमों के उल्लंघन का आरोप; एक जुलाई को सुनवाई

by Carbonmedia
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गुरुग्राम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर चल रहा सियासी घमासान का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है। हाईकोर्ट की डबल बेंच इस याचिका पर 1 जुलाई 2025 को सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता का कहना है कि तय समय पर दोनों पदों पर चुनाव नहीं किया जा रहा है, जो नियमों का उल्लंघन है। इस मामले में हाईकोर्ट की डबल बेंच द्वारा सुनवाई के बाद आगे की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं। खासकर मानेसर नगर निगम में तो संघर्ष हो रहा है। मानेसर के पार्षद दो धड़ों में बंटे हैं और आधे से ज्यादा पार्षद करीब एक सप्ताह से अंडरग्राउंड हैं। बताया जा रहा है कि दोनों धड़े एक दूसरे के समर्थक पार्षदों को अपने पाले में लाने के लिए जुटे हैं। इसी डर से दोनों गुटों ने अपने अपने पार्षदों को सीक्रेट जगहों पर भेज दिया गया है। यहां तक की उनके मोबाइल भी बंद करवाए गए हैं। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि सबसे ज्यादा खतरा भाजपा को नजर आ रहा है। हाल ही में कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने सात निर्दलीय पार्षदों को मुख्यमंत्री नायब सैनी और प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली के सामने भाजपा ज्वाइन करवाई थी। तभी से दूसरे गुट के समर्थक सक्रिय हैं और उन्हें धमकी दी जा रही है। मानेसर में निर्दलीय मेयर दरअसल मानेसर नगर निगम के मेयर पद पर निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. इंद्रजीत यादव की जीत के बाद से ही सियासी सरगर्मियां तेज हैं। मानेसर नगर निगम में मेयर चुनाव के बाद सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में देरी और सियासी खींचतान के कारण विवाद चल रहा है। पार्षद के चचेरे भाई पर हमला चार दिन पहले पार्षद दयाराम के चचेरे भाई प्रदीप को किडनैप कर उसके साथ मारपीट की गई थी। साथ ही धमकी दी गई थी कि अगर उनके पक्ष में वोट नहीं दिया गया तो परिवार को सुपारी देकर मरवा दिया जाएगा। तभी से पार्षदों में डर बना हुआ है। यहां जानिए डिप्टी मेयर पद को लेकर क्या चल रहा… 3 माह से डिप्टी मेयर के चुनाव नहीं हो सके दरअसल, मेयर चुनाव के 3 महीने बाद भी सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव नहीं हो पाए हैं, जिससे नगर निगम के विकास कार्य ठप पड़े हैं। इस देरी के पीछे केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के बीच चल रही सियासी खींचतान को जिम्मेदार माना जा रहा है। मानेसर नगर निगम में कुल 20 पार्षद हैं, जिनमें से 7 बीजेपी के और 13 निर्दलीय चुने गए थे। सूत्रों के मुताबिक, इनमें से 7 निर्दलीय पार्षद राव नरबीर के संपर्क में हैं, जबकि बाकी राव इंद्रजीत के खेमे के साथ बताए जा रहे हैं। मेयर लिख चुकी मंडल आयुक्त को पत्र राव इंद्रजीत के खेमे से आने वाली डॉ. इंद्रजीत कौर ने गुरुग्राम मंडल आयुक्त को पत्र लिखकर तत्काल सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए बैठक बुलाने की मांग की है। मेयर ने हरियाणा नगर निगम चुनाव नियम, 1994 के नियम 71(2) का हवाला देते हुए कहा कि मेयर और पार्षदों की अधिसूचना के 60 दिनों के भीतर इन पदों पर नियुक्ति होनी चाहिए। मगर, 100 दिन बीतने के बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई। हमले को इसी चुनाव से जोड़ा जा रहा हाल ही में राव नरबीर सिंह ने मानेसर के सात पार्षदों को भाजपा में शामिल करवाया था, जो तीन दिन से अंडरग्राउंड हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें गुवाहाटी में सीक्रेट रिसोर्ट में भाजपा ने ठहराया हुआ है। इनमें से ही एक है वार्ड 16 का पार्षद दयाराम, जिसका चचेरा भाई प्रदीप है। ऐसे में इस हमले को डिप्टी मेयर चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। दोनों राव में नाक का सवाल दरअसल मेयर चुनाव के तीन महीने बाद भी सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव नहीं हो पाए हैं, जिससे नगर निगम के विकास कार्य ठप पड़े हैं। इस देरी के पीछे केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के बीच चल रही सियासी खींचतान को जिम्मेदार माना जा रहा है। 20 पार्षद, 13 निर्दलीय जीते मानेसर नगर निगम में कुल 20 पार्षद हैं, जिनमें से 7 बीजेपी के और 13 निर्दलीय चुने गए थे। सूत्रों के मुताबिक, इनमें से 10 पार्षद राव नरबीर के संपर्क में हैं, जबकि बाकी 10 राव इंद्रजीत के खेमे के साथ बताए जा रहे हैं। विकास कार्य रुके हुए इस देरी से मानेसर में इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास कार्य रुके हुए हैं, जिससे स्थानीय जनता में असंतोष बढ़ रहा है। 10 जून को आयोजित निगम की सदन बैठक में पार्षदों ने सर्वसम्मति से आयुक्त से तत्काल चुनाव की मांग की थी। मेयर ने इस पत्र की प्रतियां हरियाणा के मुख्य सचिव और शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भी भेजी हैं। निर्दलीय मेयर राव इंद्रजीत का समर्थक बताती है मानेसर नगर निगम का यह सियासी ड्रामा बीजेपी में गुटबाजी को भी जाहिर करता है। मेयर चुनाव में खुद को राव इंद्रजीत की समर्थक कहने वाली डॉ. इंद्रजीत कौर ने बीजेपी के सुंदरलाल यादव को 2 हजार 293 वोटों से हराया था। जबकि सुंदरलाल यादव के पक्ष में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और राव नरबीर ने खूब प्रचार किया था, लेकिन राव इंद्रजीत की रणनीति भारी पड़ी। दोनों नेताओं के समर्थक रणनीति बना रहे अब डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के पदों पर नियंत्रण को लेकर दोनों नेताओं के बीच टकराव और तेज हो गया है। सूत्रों का कहना है कि राव नरबीर खेमा अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए निर्दलीय पार्षदों को बीजेपी में शामिल कराने की कोशिश कर रहा है। दूसरी ओर राव इंद्रजीत अपने नजदीकी पार्षदों के बल पर इन पदों पर अपने समर्थकों को लाने की रणनीति बना रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस सियासी नाटक का खामियाजा मानेसर की जनता को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि विकास कार्य और खरीद प्रक्रियाएं रुकी हुई हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी हाईकमान को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है, क्योंकि यह गुटबाजी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है।

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