भास्कर न्यूज | अमृतसर निगम कमिश्नर गुलप्रीत सिंह औलख के निर्देश पर मानसून को देखते हुए शहर और वार्डों में फॉगिंग स्प्रे का काम तेज कर दिया गया है। हेल्थ विभाग की टीमें सुबह 10:30 बजे ऑटो वर्कशॉप पहुंची। बड़ी मशीन के बड़े टैंक में 90 तो 2 छोटे टैंकों में 6-6 और इंजन में 5 लीटर तेल डाला गया। 600 एमएल दवाई (सायफेनोथ्रिन) मिक्स कर फॉगिंग स्प्रे तैयार किया। वर्कशॉप से जो फ्यूल निकाला गया और प्रक्रिया अपनाई गई उसका बाकायदा वीडियो भी बनवाया गया है, जो 6 मिनट 50 सेकंड का है। बता दें कि रोजाना फॉगिंग स्प्रे तैयार करने के लिए 1082 लीटर तेल की खपत है। जिसमें डीजल 960 तो पेट्रोल 122 और दवाई 6.780 लीटर लगती है। 1 लीटर दवाई तैयार करने में करीब 2250 रुपए का खर्च आता है। निगम के पास 4 टाटा मशीनें तो 2 ऑटो माउंटेड मशीनें हैं। निगम के पास 40 मशीनें हैं। इनमें 35 छोटी तो 5 बड़ी शामिल हैं। बड़ी मशीनें हर जोन में 1-1 तो छोटी मशीनें जोन वाइज और वार्ड वाइज पार्षदों को दिया जाता है। इसके अलावा एक इमरजेंसी में भी मशीन है, जो वीवीआईपी मूवमेंट, धार्मिक कार्यक्रमों से पहले उपयोग में लाई जाती है। छोटे हैंड फॉगिंग मशीनों की बात करें तो पौने घंटे तक स्प्रे किया जा सकता है। इसमें डीजल 14 तो पेट्रोल 5 लीटर और 100 एमएल दवाई लगती है। जबकि बड़ी मशीनों की बात करें तो पौने दो घंटे तक स्प्रे किया जा सकता है। हेल्थ विभाग की टीम में डॉ. किरन कुमार, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर राकेश मारवाह, सेनेटरी इंस्पेक्टर श्याम सिंह, एक्सईएन एसपी सिंह शामिल रहे।
डेली फॉगिंग स्प्रे के लिए 1082 लीटर तेल की खपत , इंडेंट बुक में चढ़ाया रिकार्ड
0