तख्त श्री पटना साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब के बीच वर्षों से चल रहा विवाद अब समाप्त हो गया है। दोनों तख्तों के पांचों सिंह साहिबानों ने आपसी सहमति से एक-दूसरे के खिलाफ पूर्व में जारी सभी हुक्मनामों को रद्द कर दिया है। यह निर्णय सिख पंथ में एकता, गरिमा और उच्च धार्मिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए लिया गया है। पटना साहिब प्रबंधक कमेटी ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को पत्र लिखकर क्षमा याचना की और श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। पटना साहिब द्वारा ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर के खिलाफ अदालत में दायर केस वापस लेने और उन्हें उनके बनते धार्मिक अधिकार देने के भी आदेश जारी किए गए। सुखबीर बादल के लिए राहत तख्त श्री पटना साहिब से तनखइया घोषित किए गए ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज, बाबा टेक सिंह धनौला और शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया। दूसरी ओर, श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा तनखइया घोषित पटना साहिब प्रबंधक कमेटी के सदस्यों को भी माफ किया गया, और उन्हें माफीनामा भेजा गया। बैठक में हुए फैसले जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह ने बताया कि श्री अकाल तख्त साहिब पर आज पांच सिंह साहिबानों की बैठक हुई, जिसमें 21 मई 2025 और 5 जुलाई 2025 को पारित पूर्व प्रस्तावों पर पुनर्विचार कर उन्हें संशोधित किया गया। इसी तरह, तख्त श्री पटना साहिब के पांच प्यारे सिंह साहिबानों ने भी आज बैठक कर श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को स्वीकार किया और अतीत में पारित किए गए प्रस्तावों को लिखित रूप में वापिस ले लिया, जिसकी जानकारी सचिवालय में भेज दी गई है। पंथिक एकता को बताया गया समय की जरूरत जत्थेदार गड़गज ने कहा कि “वर्तमान समय सिख शक्ति को एकजुट करने का है और यह बहुत प्रसन्नता का विषय है कि अब यह विवाद पंथिक भावना और आपसी सहयोग से समाप्त हो गया है।” निहंग जत्थेबंदी बुढ्ढा दल के मुखी बाबा बलबीर सिंह ने इस ऐतिहासिक पहल का स्वागत करते हुए कहा- “यह केवल दो तख्तों के बीच विवाद का अंत नहीं है, बल्कि इससे पूरे सिख पंथ को राहत मिली है और तख्त साहिबानों की गरिमा को आघात पहुंचने से बचाया गया है।”
तख्त पटना साहिब-अकाल तख्त साहिब के बीच विवाद समाप्त:दोनों ने फैसलों को लिया वापस; सुखबीर बादल के लिए भी राहत
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