चीन सर्वाधिक नाशपाती उत्पादक देश है। वर्ष 2022 में विश्व में उत्पादन 26 मिलियन टन था, जिसमें से 73% पैदावार चीन में हुई थी। अन्य प्रमुख नाशपाती उत्पादकों में अर्जेंटीना, अमेरिका, इटली, तुर्की, भारत, दक्षिण अफ्रीका आदि मुल्क शामिल हैं। पंजाब में नाशपाती की कई किस्में पथरनख, पंजाब ब्यूटी, बग्गुगोशा, लेकोन्टे और कीफर आदि उगाई जाती हैं। इनमें पंजाब गोल्ड व पंजाब नेक्टर अर्ध-मुलायम हैं। एग्रो डेस्क | जालंधर कुल्ला (पट्टी) में “नाशपाती की खेती’ विषय पर पीएयू-कृषि सलाहकार सेवा केंद्र (एफएएससी), तरनतारन के एक कार्यक्रम में 100 से अधिक नाशपाती उत्पादकों ने हिस्सा लिया। उनका नाशपाती की सफल खेती के बारे में मार्गदर्शन किया गया, बारीकियां सिखाई गईं और विविधीकरण में बागवानी फसलों के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। तरनतारन एफएएससी के इंचार्ज डॉ. परविंदर सिंह ने फल उत्पादकों को तकनीकी मार्गदर्शन के लिए पीएयू-एफएएससी के विशेषज्ञों से परामर्श करने की सलाह दी। तकनीकी सत्र में पीएयू के फल विज्ञान विभाग के वरिष्ठ फल वैज्ञानिक डॉ. मंदीप सिंह गिल ने नाशपाती की सफल और लाभदायक खेती के लिए विश्वविद्यालय की सिफारिशों को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने नाशपाती में गुणवत्ता सुधार के विभिन्न पहलुओं, कैनोपी प्रबंधन के महत्व पर भी चर्चा की और नाशपाती की कटाई के तरीकों एवं इंटरक्रॉपिंग विकल्पों के बारे में बताया। उन्होंने नए बाजारों की खोज और स्मार्ट पैकेजिंग के महत्व पर जोर दिया। प्लांट पैथोलॉजिस्ट (फ्रूट्स) डॉ. अमरिंदर कौर ने नाशपाती में रोग प्रबंधन पर लेक्चर दिया। उन्होंने उचित स्प्रे तकनीक पर जोर दिया। बागवानी विकास अधिकारी डॉ. बिक्रमजीत सिंह ने बागवानी योजनाओं और सब्सिडी की जानकारी दी। किसानों को जानकारी देते विशेषज्ञ।
तरनतारन एफएएससी में एक दिनी प्रशिक्षण
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